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28 February 2019

विंग कमांडर अभिनंदन की कैसे हो सकती है वतन वापसी? फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता 8 दिन बाद लौटे थे भारत

भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन इस समय पाकिस्तान के कब्जे में है। भारत की ओर से उन्हें वापस लाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। लोगों के मन में यह सवाल आम है कि क्या विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी हो सकेगी? यदि हां तो कैसे? क्या पहले भी ऐसी कोई घटना हुई थी? ….आइए, इन सवालों के जवाब जानने के लिए जिनेवा संधि और करगिल युद्ध के दौरान हुए वाकये को समझते हैं।

पाक के कब्जे में है विंग कंमाडर अभिनंदन

पाकिस्तान ने कहा है कि भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन उनके क़ब्जे में है। वहीं भारत ने पाकिस्तान से विंग कमांडर अभिनंदन की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने को कहा है। भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब किया और अपना विरोध जताया। इंडियन एयरफोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन ने बुधवार सुबह फाइटर प्लेन मिग 21 से उड़ान भरी थी।

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करगिल युद्ध के दौरान भी हुआ था कुछ ऐसा

1999 में करगिल युद्ध के दौरान वायुसेना के फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता को भी पाकिस्तान ने अपने कब्जे में ले लिया था। हालांकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते 8 दिन बाद रिहा कर दिया गया था।

27 मई 1999 करगिल युद्ध के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता मिग 27 लड़ाकू विमान से पाकिस्तान की सेना के घुसपैठियों पर बमबारी कर रहे थे। उनके हमलों से बटालिक सेक्टर में कई पाकिस्तानी फौजी मारे जा चुके थे। लेकिन उसका इंजन फेल हो गया और पाकिस्तान सीमा के 12 किलोमीटर अंदर पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र (पीओके) के पास स्कार्दू में मिग विमान क्रैश हो गया। नचिकेता ने खुद को सुरक्षित बाहर निकाल लिया लेकिन पाकिस्तानी सेना ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। बाद में भारत ने नचिकेता की रिहाई के लिए पाकिस्‍तान पर अंतरराष्‍ट्रीय दबाव बढ़ाया और जिनेवा कन्वेंशन की याद दिलाई।

फिर पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उन्हें पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता तारीक अल्ताफ के हाथों रेड क्रॉस के हवाले कर दिया। आखिरकार नचिकेता 5 जून, 1999 को अपने देश वापस लौट आए। उन्हें वायुसेना पदक से सम्मानित किया गया था।

जिनेवा संधि के तहत आएगा अभिनंदन वर्तमान का मामला

भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तान द्वारा बुधवार को हिरासत में लेने का मामला 1929 की जिनेवा संधि के तहत आएगा। उनके विमान को गिराए जाने के बाद पाकिस्तान ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

क्या है जिनेवा संधि?

युद्ध बंदियों का सरंक्षण (पीओडब्ल्यू) करने वाले नियम विशिष्ट हैं। इन्हें पहले 1929 में जिनेवा संधि के जरिए ब्यौरे वार किया गया था और द्वितीय विश्व युद्ध से सबक सीखते हुए 1949 में तीसरी जिनेवा संधि में उनमें संशोधन किया गया था।

नियमों के मुताबिक, जंगी कैदी का संरक्षण का दर्जा अंतरराष्ट्रीय सशस्त्र संघर्षों में ही लागू होता है।

संधि के मुताबिक, युद्ध बंदी वह होते हैं जो संघर्ष के दौरान आमतौर पर किसी एक पक्ष के सशस्त्र बलों के सदस्य होते हैं जिन्हें प्रतिद्वंद्वी पक्ष अपनी हिरासत में ले लेता है। यह कहता है कि पीओडब्ल्यू को युद्ध कार्य में सीधा हिस्सा लेने के लिए उन पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।

जिनेवा संधि के नियम

-इसके मुताबिक, उनकी हिरासत सजा के तौर पर नहीं होती है बल्कि इसका मकसद संघर्ष में उन्हें फिर से हिस्सा लेने से रोकना होता है। युद्ध खत्म होने के बाद उन्हें रिहा किया जाना चाहिए और बिना किसी देरी के वतन वापस भेजना चाहिए।

-हिरासत में लेने वाली शक्ति उनके खिलाफ संभावित युद्ध अपराध के लिए मुकदमा चला सकती है लेकिन हिंसा की कार्रवाई के लिए नहीं जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के तहत विधिपूर्ण है।

-नियम साफतौर पर कहते हैं कि जंगी कैदियों के साथ हर परिस्थिति में मानवीय तरीके से सलूक किया जाना चाहिए।

-जिनेवा संधि कहती है कि वह हिंसा की किसी भी कार्रवाई के साथ-साथ डराने, अपमानित करने और सार्वजनिक नुमाइश से पूरी तरह से सरंक्षित हैं।

पायलट को किसी तरह का नुकसान न पहुंचाया जाए: भारत

भारत ने कहा कि पाकिस्तान इस बात को सुनिश्चित करें कि वायुसेना के पायलट को हिरासत में किसी तरह का नुकसान न पहुंचाया जाए। भारत उनके सुरक्षित और तुरंत वापसी की आशा करता है।

भारत ने इस्लामाबाद की तरफ से पायलट के फोटो और वीडियो बांटने पर भी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में यह कहा गया- 'वीडियो में घायल भारतीय वायुसेना के जवानों को दिखाया जाना अशोभनीय था और यह इंटरनेशनल ह्यूमेन लॉ और जेनेवा कन्वेंशन के नियमों के खिलाफ है।'

क्या कह रहा है पाकिस्तान?

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्विटर पर कहा, ‘‘ पाकिस्तानी सेना की हिरासत में सिर्फ एक पायलट है। विंग कमांडर अभिनंदन के साथ सैन्य आचरण के मुताबिक सलूक किया जा रहा है।’’

वहीं पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालात सामान्य होने पर रिहाई को लेकर विचार किया जा सकता है। कुरैशी ने दावा किया कि भारतीय पायलट पूरी तरह सुरक्षित है और पूरी तरह ख्याल रखा जा रहा है। मीडिया को दिए बयान में शाह महमूद कुरैशी ने कहा, ‘’मैं भारत को और भारत की अवाम को ये पैगाम देना चाहूंगा कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार मुल्क है, जिम्मेदार एयरफोर्स है। हम जेनेवा कनवेन्शन से वाकिफ हैं। उनको मैं यकीन दिलाता हूं कि आपके जो पायलट हैं वो पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उनकी हर किस्म से हिफाजत की जा रही है।‘’

शाह महमूद कुरैशी ने आगे कहा, ‘’उनको जो भी सहुलियत चाहिए हम उनको देंगे। हमारा उनके साथ कोई आपसी रंजिश नहीं है। हालात की बेहतरी में पाकिस्तान कोई भी जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार है।‘’ जब उनसे यह पूछा गया कि क्या आप भारतीय पायलट को तुरंत और सेफ रिटर्न करेंगे तब उन्होंने कहा कि इस पर पाकिस्तान खुले दिल से विचार कर सकता है।

 

 

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TAGS: Wing Commander Abhinandan Varthaman, How can return, India, What is the Geneva Convention, story, IAF pilot K Nachiketa, PAK, MIG, IMRAN, MODI
OUTLOOK 28 February, 2019
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