हुर्रियत नेता गिलानी की नजर में चीन-पाकिस्तान 'दोस्त'
गिलानी समेत अन्य अलगाववादी नेताओं के जनसमुदाय को संबोधित करने पर लगी रोक के बाद उन्होंने विडियो संदेश जारी किया है। मेसेज में उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने अलगाववादी नेताओं, कुछ पत्रकारों और व्यापारियों की सूची बनाई है, जिन्हें मरवाया भी जा सकता है।
हुर्रियत नेता का आरोप ऐसे वक्त में सामने आया है जब केंद्र सरकार अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस लेने का मन बना रही है। इस्लामाबाद से प्रायोजित होने वाली आतंकवादी गतिविधियों के प्रमाण मिलने के बाद भी अलगाववादी नेताओं की लाइन पाकिस्तान परस्त ही रही है।
इसी आदत को देखते हुए केंद्र सरकार ने अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और दूसरी सहूलियतों को वापस लेने का मन बनाया है। गौरतलब है कि 2002 में पाकिस्तान के समर्थन वाले आतंकियों ने अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन की हत्या उस वक्त कर दी थी जब वह मुख्यधारा की राजनीति में लौटने की कोशिश कर रहे थे।
भारत को कोसने के बाद गिलानी ने पाकिस्तान को हमदर्द बताते हुए कहा कि पाकिस्तान ने साबित कर दिया कि वही हमारे दोस्त और शुभचिंतक हैं। गिलानी ने कहा, 'हम संघर्ष में साथ निभाने के लिए चीन, नॉर्वे और सऊदी अरब जैसे देशों के भी शुक्रगुजार हैं। न्यूजीलैंड, ईरान और ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज ने भी हमारे लिए अपनी फिक्र जाहिर की, हम उनका भी शुक्रिया अदा करते हैं।'