मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर के एनजीओ को इनकम टैक्स ने भेजा नोटिस
मानवाधिकार कार्यकर्ता और पूर्व आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर ने आरोप लगाया है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उनकी गैर-सरकारी संस्था (एनजीओ) को नोटिस भेजा है। मंदर का आरोप है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वह सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके लिए उन्होंने एक प्रेस नोट भी जारी किया है।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इनकम टैक्स ने उनकी संस्था सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज को 23 सितंबर को नोटिस भेजा और आर्थिक वर्ष 2016-17 के रिटर्न पर 25 सितंबर तक जवाब देने को कहा गया।
नोटिस में कहा गया कि इनकम टैक्स रिटर्न के समर्थन में साक्ष्य प्रस्तुत किया जाए और बताया जाए कि रिटर्न भरने में किसी तरह का उल्लंघन नहीं किया गया है।
हर्ष मंदर ने कहा, 'उनके सेंटर ने सारे रिटर्न समय पर भरे हैं। नोटिस में पूरी जांच-पड़ताल और पूछताछ के लिए कहा गया है। ये राकेश सिन्हा (संघ विचारक) द्वारा धमकी मिलने के बाद आया है। ये विरोधी विचारों के चुप कराने का तरीका है।'
14 सितंबर को, पहलू खान की हत्या पर एक टीवी प्रोग्राम के दौरान आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने मंदर की गैर सरकारी संस्था की जांच करवाने की बात कही थी।
वहीं इनकम टैक्स के एक अधिकारी ने कहा कि इस तरह के नोटिस रूटीन की प्रक्रिया का हिस्सा हैं और इसे तय मापदंडों के तहत भेजा गया है।
इस साल गृह मंत्रालय ने हजारों गैर सरकारी संगठनों को नोटिस भेजा है। सरकार ने उनको चेतावनी भी दी थी कि अगर इनकम टैक्स नहीं फाइल किया गया तो एफसीआरए (Foreign Contribution Regulation Act) के तहत उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
मंदर हाल ही में कारवां-ए-मोहब्बत को लेकर चर्चा में रहे थे। इसमें उन इलाकों में शांति और सद्भाव की यात्रा निकाली गई, जहां लोग मॉब लिंचिंग में मारे गए हैं। इसी क्रम में उन्होंने गोरक्षकों द्वारा मारे गए पहलू खान को अलवर में श्रद्धांजलि दी थी।
गैर-सरकारी संस्था सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज साल 2000 में हर्ष मंदर, अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और रिटायर्ड नौकरशाह एनसी सक्सेना द्वारा शुरू की गई थी।