2G फैसले पर बोले जेटली, जांच एजेंसियां देखेंगी कि क्या किया जा सकता है
बहुचर्चित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले केस में गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। अदालत के द्वारा पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और कई अन्य आरोपियों को बरी किए जाने के बाद इस पर राजनीति तेज हो गई है।
कांग्रेस जहां इसका स्वागत कर रही है वहीं भाजपा की तरफ से भी प्रतिक्रिया आ रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'कांग्रेस के नेता इस फैसले को किसी सम्मान के सर्टिफिकेट की तरह ले रहे हैं, जैसे कि यह कोई ईमानदार योजना रही हो।'
Congress leaders are treating this judgement as some kind of a badge of honor & a certification that it was an honest policy: Arun Jaitley #2GScamVerdict pic.twitter.com/Y6fWNXVW5t
— ANI (@ANI) December 21, 2017
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में स्पेक्ट्रम आवंटन के हर केस को गलत बताया था। सरकार से कहा गया था कि नयी योजना बनाई जाए जिसके हिसाब से आवंटन हो।
Each & every case of spectrum allocation was quashed by SC (in 2012) as arbitrary & unfair, the policy was quashed as unfair & intended to cause loss to GoI & the govt was directed to have a fresh policy by which an auction would take place: Arun Jaitley #2GScamVerdict pic.twitter.com/d9PLPckdmk
— ANI (@ANI) December 21, 2017
जेटली ने कहा, 'मुझे भरोसा है कि जांच एजेंसियां इस फैसले पर गहराई से नजर डालेंगी और देखेंगी कि क्या किया जा सकता है।'
I am sure that the investigative agencies will have a close look at it (the judgement & acquittal of accused) & decide what has to be done: Arun Jaitley #2GScamVerdict pic.twitter.com/VLNeiVUDuo
— ANI (@ANI) December 21, 2017
वहीं कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, ''आज मेरी बात सिद्ध हो गई, कोई भ्रष्टाचार नहीं, कोई घाटा नहीं। अगर स्कैम है तो झूठ का स्कैम है, विपक्ष और विनोद राय के झूठ का।” सिब्बल ने कहा कि तत्कालीन सीएजी विनोद राय को देश के सामने माफी मांगनी चाहिए।
बता दें कि इस घोटाले की बात 2010 में सामने आई थी, जिसके बाद केन्द्र की यूपीए सरकार और विपक्ष के बीच जमकर टकराव चला। वहीं अब कोर्ट ने सबको बरी कर दिया है। स्वान टेलीकॉम के प्रवर्तक शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका और अन्य के वकील विजय अग्रवाल ने बताया, "न्यायालय ने कहा कि अभियोजन अपने किसी भी आरोप को साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है। इस तरह सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया।"