इरडा के नए नियमों से मल्टीनेशनल कंपनियों को फायदा, स्वदेशी को नुकसानः स्वदेशी जागरण मंच
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) के नए नियमों से विदेशी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को फायदा होगा, जबकि घरेलू और स्वदेशी कंपनियां घाटे में रहेंगी। स्वदेशी जागरण मंच ने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है। स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है कि भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ने 12 जनवरी 2018 को एक अधिसूचना जारी की थी, जो पूरी तरह से अनुचित है और इसमें बहुराष्ट्रीय ब्रोकरेज कंपनियों के हितों का ख्याल अधिक रखा गया है।
महाजन ने पत्र में अधिसूचना के उन नियमों को जिक्र किया है, जिसमें विदेशी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की बात कही गई है। उनका कहना है कि ये नियम स्पष्ट तौर पर विदेशी निवेशकों के हितों के लिए बनाए गए हैं।
महाजन ने विनियम की धारा 20 (1) का जिक्र करते हुए कहा कि इसके तहत पोर्टफोलियो निवेशकों समेत विदेशी निवेशकों द्वारा बीमा ब्रोकर में इक्विटी शेयरों या योगदान या उसके समकक्ष की कुल होल्डिंग, केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित सीमाओं से अधिक नहीं होनी चाहिए" और वर्तमान में विदेशी निवेशकों के लिए यह सीमा 49 फीसदी है। जबकि, इसी ब्रोकर विनियमन के फॉर्म-टी क्लॉज-6 की धारा 25 अनुसूची-II कहता है कि भारतीय निवेशक के लिए यह सीमा 25 प्रतिशत है। उन्होंने आरोप लगाया कि आईआरडीए का इरादा केवल विदेशी निवेशकों के हितों को बढ़ावा देना है। यह मामला नियामक के सामने उठाया गया था, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।
महाजन ने इस संबंध में प्रधानमंत्री से जल्द हस्तक्षेप करने और मामले का हल निकालने की मांग की है।