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30 November 2017

पद्मावती: संसदीय समिति ने भंसाली से पूछा- क्या मीडिया के लिए अलग से फिल्म की स्क्रीनिंग सही?

File Photo

'पद्मावती'  फिल्म पर सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद विवाद जारी है। इस मामले में गुरुवार को संसदीय समिति के समक्ष फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली पेश हुए और उनसे कई सवाल किए गए। सीबीएफसी के अध्यक्ष प्रसून जोशी भी इस दौरान मौजूद रहे।

पीटीआई के मुताबिक, इस दौरान भंसाली से पूछा गया कि क्या मीडिया के लोगों के लिए अलग से फिल्म की स्क्रीनिंग रखवाना नैतिक रूप से सही था? क्या इससे सीबीएफसी को प्रभावित करने की कोशिश की गई?

समिति के समक्ष भंसाली ने सफाई दी कि फिल्म इतिहास नहीं बल्कि मलिक मोहम्मद जायसी की कविता पर आधारित है। हालांकि समिति के सदस्यों का कहना था कि जब फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पास ही नहीं किया है तो इस पर सवाल-जवाब बेमानी है।

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भंसाली से यह भी पूछा गया, 'आपने कैसे मान लिया कि फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज हो सकती है जबकि आपने सर्टिफिकेट के लिए ही 11 नवंबर को अप्लाई किया है। सिनेमैटोग्राफी एक्ट के हिसाब से सीबीएफसी फिल्म को सर्टिफिकेट देने में 68 दिन का वक्त ले सकता है।'

भंसाली ने संसद की सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की स्थायी समिति से कहा कि उनकी फिल्म इतिहास आधारित नहीं है। उन्होंने तो जायसी की पद्मावती पर लिखी कविता के आधार पर फिल्म बनाई है।

इस संसदीय समिति के अध्यक्ष भाजपा नेता अनुराग ठाकुर हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और कांग्रेस नेता राज बब्बर इसके सदस्य हैं।

वहीं सीबीएफसी अध्यक्ष प्रसून जोशी का कहना है कि उन्होंने फिल्म अभी तक देखी नहीं है।

बता दें कि कई राजपूत समुदाय के संगठनों ने फिल्म में रानी पद्मावती को गलत तरीके से चित्रित करने का आरोप लगाया है, जिसकी वजह से फिल्म को लेकर बवाल मचा हुआ है। 

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TAGS: padmavati, sanjay leela bhansali, parliamentary committee, parliament
OUTLOOK 30 November, 2017
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