Advertisement
20 October 2015

पखवाड़े में दूसरी बार राष्‍ट्रपति ने असहिष्‍णुता पर जताई चिंता

पश्चिम बंगाल में एक स्थानीय साप्ताहिक अखबार नयाप्रजंमा द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने बताया कि इस देश की राष्ट्रीय अखंडता का आधार सहिष्णुता है। भारतीय सभ्यता अपनी सहिष्णुता के दम पर ही 5000 वर्ष तक अपना अस्तित्व कायम रख सकी। इसने सदा असंतोष और मतभेद को स्वीकार किया है। बहुत-सी भाषाएं, 1600 बोलियां और कई धर्म भारत में एक साथ अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं। हमारा एक संविधान है, जो इन सभी मतभेदों को स्थान देता है। उन्होंने कहा, किसी भी हालत में हम अपने बहुलवाद और सहिष्णुता को नष्ट नहीं कर सकते। हमें अपनी विविधता पर गर्व है, हम दूसरों के विचारों को स्वीकार करते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा, कई बार हमारे दिमाग में एक सवाल आता है..क्या हम सही मार्ग पर हैं? सहिष्णुता के बिना हमारी सभ्यता 5000 वर्ष तक अपना अस्तित्व कायम नहीं रख पाती। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति की यह सख्त टिप्पणी देश के विभिन्न भागों में बढ़ती कट्टरता और असहिष्णुता की घटनाओं की पृष्ठभूमि में आई है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बीरभूम जिला के किरणहार स्थित अपने पैतृक आवास पर आयोजित होने वाले दुर्गापूजा समारोह में सम्मिलित होने के लिए कल वहां पहुंचे थे। 

मुंबई में, भाजपा की गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के संगीत कार्यक्रम को रद्द करवाया। इसी क्रम में शिवसेना ने कल भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड के प्रमुखों की बैठक नहीं होने दी और एक अन्य घटना में सुधीन्द्र कुलकर्णी के चेहरे पर भी कालिख पोत दी। इससे पूर्व दादरी में एक व्यक्ति को पीट-पीटकर मारे जाने की घटना के संदर्भ में राष्‍ट्रपति ने विविधता, सहिष्णुता और बहुलवाद के मूल मूल्यों को बनाए रखने की पुरजोर अपील की थी।

Advertisement

कल भी जम्मू कश्मीर के निर्दलीय विधायक शेख अब्दुल राशिद को एक हिंदू संगठन से जुड़े लोगों ने निशाना बनाया। राशिद ने इस महीने के शुरू में श्रीनगर में बीफ की दावत दी थी, जिसके विरोध में दिल्‍ली के प्रेस क्लब में उन पर स्याही और मोबिल आयल फेंका गया। इससे पहले जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा में भाजपा विधायकों ने उनके साथ मारपीट भी की थी। 

 



 

 

 

 

 

 

 

 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: राष्‍ट्रपति, प्रणब मुखर्जी, सहिष्‍णुता, असहमति, बहुलता, धार्मिक कट्टरता
OUTLOOK 20 October, 2015
Advertisement