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19 March 2017

जाट आंदोलनकारियों ने दिल्ली कूच का कार्यक्रम रद्द किया

उन्होंने बताया कि सरकार पांच मुख्य मांगों को समयबद्ध तरीके से पूरा करेगी। बातचीत में केन्द्र सरकार की तरफ से शामिल केन्द्रीय इस्पात मंत्री चौधरी वीरेन्द्र सिंह और विधि राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने केन्द्रीय स्तर पर जाटों को आरक्षण देने की राह में आ रही बाधाओं को दूर करने का भरोसा दिलाया। जिन पांच मांगों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर सहमति बनी है उनमें राज्य सरकार द्वारा उच्च न्यायालय का फैसला आते ही आरक्षण देने संबंधी विधेयक को लागू करना, आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की समीक्षा कर उन्हें वापस लेना, आंदोलन में मारे गए या विकलांग हुए लोगों के आश्रितों को स्थायी नौकरी देना, घायलों को मुआवजा देना और आंदोलनकारियों के खिलाफ इरादतन कार्रवाई करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है।

हालांकि खट्टर ने सीबीआई में दर्ज मामलों को वापस लेने के सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार साल 2010 से 2017 के बीच दर्ज सभी मुकदमों की समीक्षा करेगी। इस बीच मलिक ने कहा कि 50 दिनों से चल रहे आंदोलन में पांच दौर की बातचीत के बाद यह अहम पड़ाव आया है। सरकार द्वारा निश्चित समय में उनकी मांग पूरी करने का भरोसा मिलने पर सोमवार को प्रस्तावित दिल्ली कूच का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। साथ ही उन्‍होने स्पष्ट किया कि हरियाणा में कुछ स्थानों पर सांकेतिक धरना जारी रहेगा। अगले एक सप्ताह तक सरकार के आश्वासन पर अमल होने की समीक्षा की जाएगी और इसके आधार पर 26 मार्च को संगठन की कार्यकारिणी की बैठक में समूचे हरियाणा से आंदोलन खत्म करने का फैसला किया जाएगा।

इस दौरान केन्द्रीय विधि राज्य मंत्राी चौधरी ने कहा कि केन्द्रीय स्तर पर जाट समुदाय को पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा पर ही आरक्षण दिया जा सकता है। इसके लिए आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की जल्द नियुक्ति कर सरकार आरक्षण संबंधी जररी प्रक्रिया पूरी करेगी।

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TAGS: जाट, आरक्षण, जाट आरक्षण संघर्ष समिति, हरियाणा, मनोहर लाल खट्टर, यशपाल मलिक
OUTLOOK 19 March, 2017
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