Advertisement
29 May 2016

जेएनयू: यौन उत्पीड़न के आरोपों से मुक्त हुए पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष

पीटीआई फाइल फोटो

जेएनयू की ओर से जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया, कार्यकारी परिषद ने अपील समिति की इस रिपोर्ट को स्वीकार करने का इरादा जाहिर किया जिसमें पाया गया कि पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीडन की बजाय आपसी विश्वास तोड़ने का मामला है। लिहाजा, सजा अमान्य मानी जाएगी। एक छात्रा ने चौधरी और जेएनयू छात्र संघ के तत्कालीन संयुक्त सचिव सरफराज हामिद पर 2014 में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। छात्रा ने विश्वविद्यालय की जेंडर सेंसिटाइजेशन कमिटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेंट (जीएसकैश) में शिकायत दर्ज कराई थी। जीएसकैश जेएनयू में यौन उत्पीड़न से जुड़ी शिकायतों की जांच करने वाली संस्था है। हामिद और चौधरी दोनों ने उस वक्त निष्पक्ष जांच की खातिर अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था।

 

जीएसकैश ने चौधरी और हामिद को छात्रा को बदनाम करने और उसके चरित्र हनन का दोषी पाया था और विश्वविद्यालय ने उस वक्त एक सेमेस्टर के लिए उनकी छात्रावास सुविधा को निलंबित भी कर दिया था। अकबर ने फैसले को चुनौती देने के लिए अपील दायर करने का फैसला किया जबकि हामिद ने ऐसी कोई कोशिश नहीं की। विश्वविद्यालय ने तब मामले पर विचार के लिए तीन सदस्यों वाली एक अपील समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यौन उत्पीड़न के आरोप इस मामले में नहीं टिकते और चौधरी को आरोपों से मुक्त किया जाता है। जेएनयू में फैसले लेने वाली सर्वोच्च संस्था कार्यकारी परिषद (ईसी) ने इस साल जनवरी में रिपोर्ट स्वीकार कर ली और बाद में इस बाबत एक आधिकारिक आदेश जारी किया।

Advertisement

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: जेएनयू, यौन उत्पीड़न, अकबर चौधरी, आरोप, बरी, जेएनयू छात्र संघ, अध्यक्ष, इस्तीफा, विश्वविद्यालय प्रशासन, जांच, कार्यकारी परिषद, अपील समिति, संयुक्त सचिव, सरफराज हामिद, जेंडर सेंसिटाइजेशन कमिटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेंट, जीएसकैश, JNU, Sexual Harassment, Akbar Chaudhary
OUTLOOK 29 May, 2016
Advertisement