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12 November 2017

जेएनयू प्रशासन पर छात्रों ने लगाया इंटरनेट सेंसरशिप का आरोप

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जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन का आरोप है कि जेएनयू प्रशासन ने कई न्यूज साइट्स समेत यूट्यूब के वीडियो पर शनिवार को एक दिन की पाबंदी लगा दी। प्रशासन ने इससे साफ इनकार किया है। अब छात्र मामले में जांच की मांग कर रहे हैं। हालांकि देर रात तक फिर से ये साइट्स चलने लगीं।

जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष गीता कुमारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि एनडीटीवी, द वायर जैसी साइट्स पर एक्सेस को ब्लॉक कर दिया गया।

शनिवार को यूनियन ने कहा कि जेएनयू वाईफाई के जरिए कई यूट्यूब चैनल और कई वेबसाइट्स पर स्टूडेंट्स कनेक्ट नहीं कर पा रहे हैं। खासतौर पर सरकार की पॉलिसी के खिलाफ टिप्पणी करने वाली न्यूज साइट्स समेत जेएनयू प्रेजिडेंशल डिबेट, स्टूडेंट्स लीडर्स की डिबेट, प्रोटेस्ट वीडियो, सटायर कॉमेडी वीडियो वाली साइट्स पर प्रशासन ने पाबंदी लगा दी है।

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जेएनयू की पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष शेहला रशीद ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि कई साइट्स के अलावा ममता बनर्जी, राहुल गांधी, शेहला रशीद, केजरीवाल, कन्हैया कुमार जैसे कीवर्ड्स पर भी पाबंदी लगाई गई है।

शाम तक कई स्टूडेंट्स ने भी बताया कि वे कुछ साइट्स नहीं देख पा रहे हैं। शनिवार को यूनियन की ओर से कहा गया कि सीट कट, मॉरल पुलिसिंग, फंड कट, नोटिस राज के बाद जेएनयू वीसी अब यूनिवर्सिटी वाई फाई पर कंट्रोल रखकर स्टूडेंट्स की अकैडमिक फ्रीडम खत्म करना चाहते हैं। यूनियन ने मांग की है कि फौरन सेंसरशिप हटाई जाए।

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TAGS: JNU students, Wi-Fi restrictions, access now restored
OUTLOOK 12 November, 2017
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