जेएनयू छात्र हड़ताल पर, कन्हैया की अदालत में पेशी आज
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष की गिरफ्तारी से छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच पैदा हुआ गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है। विश्वविद्यालय के छात्र कन्हैया की रिहाई की मांग करते हुए सोमवार से हड़ताल पर चले गए। रविवार को शिक्षकों ने इस मुद्दे पर छात्रों का समर्थन किया था, हालांकि अभी तक वे हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं। कन्हैया को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था और आज उनकी अदालत में पेशी है।
वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश कुमार ने छात्रों से अपील की है कि वे हड़ताल और विरोध का सहारा नहीं लें ताकि विश्वविद्यालय में अकादमिक कार्य बाधित नहीं हों। उन्होंने पत्रकारों से कहा, हम भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में हैं लेकिन मेरा मानना है कि इसके लिए हड़ताल की जरूरत नहीं क्योंकि इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता है। इस मुद्दे को कैसे सुलझाया जाए हम इसके लिए पूरी जेएनयू बिरादरी तक जा रहे हैं लेकिन विश्वविद्यालय की अकादमिक गतिविधियों का चलते रहना मुख्य लक्ष्य है और इसे बाधित नहीं होना चाहिए।
विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस कार्रवाई को अनुमति देने के लिए शिक्षक संघ ने कुलपति पर प्रश्न खड़े किए हैं। इस पर कुमार ने कहा कि वह देश के कानून से बंधे हैं। उन्होंने कहा, मैंने कभी भी पुलिस को परिसर में आमंत्रित नहीं किया कि वह आए और हमारे छात्रों को उठाकर ले जाए। हम केवल उन्हें देश के कानून के मुताबिक सहयोग कर सकते हैं। हम ऐसा करने के लिए बाध्य हैं।
जेएनयू छात्रासंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पिछले हफ्ते देशद्रोह और आपराधिक षड्यंत्र के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। यह मामला विश्वविद्यालय परिसर में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने को लेकर किया गया था। मामले में कन्हैया की आज अदालत में पेशी है।