हैदराबाद पहुंचे कन्हैया, नहीं मिली एचसीयू में प्रवेश की इजाजत
देशद्रोह के आरोप में पिछले दिनों जेल गए जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार बुधवार की सुबह करीब 11 बजे हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे। जहां संवाददाताओं से बात करते हुए कन्हैया ने आरोप लगाया कि रोहित वेमुला के आत्महत्या मुद्दे और इसके बाद के घटनाक्रमों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सरकार ने जेएनयू के मुद्दे को हवा दी। कुमार ने कहा कि संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र सरकार रोहित कानून नहीं लाती है। उनके साथ में माकपा के स्थानीय नेता भी थे। उन्होंने कहा, सरकार ने रोहित वेमुला के मुद्दे को दबाने के लिए जेएनयू मुद्दे का इस्तेमाल किया। लेकिन हम सब जानते हैं कि अगर हम अलग भी हों तो जब देश में इंसाफ की बारी आती है तो हम एक हैं। यही कारण है कि जैसे ही मैं जेल से बाहर आया जेएनयूएसयू की ओर से मैंने सोचा कि हैदराबाद जाउंगा। दिल्ली के बाहर मेरी पहली यात्रा हैदराबाद की होगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में वेमुला की मां भगत सिंह की मां की तरह हैं।
कन्हैया कुमार ने हैदराबाद पहुंचने के बाद कहा कि एचसीयू की सामाजिक न्याय के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) तब तक अपना संघर्ष जारी रखेगी जब तक केंद्र सरकार रोहित कानून नहीं लाती है। कन्हैया एचसीयू परिसर में एक सभा को संबोधित करने वाले थे। उनको जेएसी फॉर सोशल जस्टिस द्वारा आमंत्रित किया गया था। यह संगठन बीते 17 जनवरी को खुदकुशी करने वाले रोहित वेमुला के लिए न्याय की मांग करते हुए आंदोलन कर रहा है। इससे पहले प्रशासन ने नेताओं और मीडियाकर्मियों सहित बाहरी लोगों के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी और कक्षाओं को भी चार दिनों के लिए निलंबित कर दिया। एचसीयू के कुलपति प्रोफेसर अप्पा राव पोडिले ने कहा कि विश्वविद्यालय ने परिसर में जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को बैठक संबोधित करने की अनुमति नहीं दी है। पोडिले ने कहा, किसी ने भी अनुमति के लिए संपर्क नहीं किया है। निश्चित तौर पर, कोई अनुमति नहीं दी गई है।
सामाजिक न्याय के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति के आमंत्रण पर कुमार को कैंपस में एक बैठक को संबोधित करना था। एचसीयू के छात्रावास में 17 जनवरी को आत्महत्या करने वाले दलित शोधार्थी वेमुला को इंसाफ के लिए यह संगठन आंदोलन कर रहा है। कल एचसीयू के कुलपति अप्पा राव पोडिले के आधिकारिक आवास में छात्रों ने तोड़फोड़ की और पुलिस ने वेमुला की पृष्ठभूमि में दो महीने की छुट्टी पर जाने के बाद कुलपति के प्रभार संभालने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक अन्य समूह पर लाठियां बरसाईं।