पद्मावती पर फिर बवाल: करणी सेना ने दी धमकी, निहलानी ने कहा- वोट बैंक की हुई राजनीति
फिल्म 'पद्मावती' को लेकर विवाद इतने दिनों से चल रहा है कि आदमी थक कर विवाद खत्म कर दे लेकिन कुछ लोग इतने खाली हैं कि अब तक थके नहीं हैं।
चुनाव वगैरह चल रहे थे तो मुद्दा कुछ दिन ठंडा रहा लेकिन फिर से कुछ लोग सक्रिय हो चुके हैं। क्यों? क्योंकि सेंसर बोर्ड की मीटिंग हुई है। इससे फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ होता दिख रहा है लेकिन ये विरोधियों को मंजूर नहीं।
केंद्रीय सेंसर बोर्ड फिल्म पद्मावती को कुछ सीन हटाकर और नाम बदलने पर U/A सर्टिफिकेट देने को तैयार हो गया है।
लेकिन इस फैसले पर राजपूत करणी सेना एक बार फिर भड़क गई है और सिनेमा हॉल में तोड़-फोड़ की धमकी दी है।
करणी सेना के नेता सुखदेव सिंह ने कहा, 'अगर फिल्म रिलीज हुई तो हमारे कार्यकर्ता हर सिनेमा हॉल में तोड़-फोड़ करेंगे। सुखदेव सिंह ने आरोप लगाया कि फिल्म की समीक्षा के लिए जो कमेटी बनी थी उसने कई सीन को लेकर आपत्ति जताई लेकिन अंडर वर्ल्ड के दबाव की वजह से फिल्म को रिलीज करने का फैसला किया जा रहा है।'
Our people will be outside cinema halls & each hall which shows the film will be vandalised. Members of committee formed to review the film have opposed it but censor board is taking this decision due to underworld pressure: Sukhdev Singh Gogamedi, Rajput Karni Sena #Padmavati pic.twitter.com/nTBdpstsIb
— ANI (@ANI) December 30, 2017
बोर्ड के पूर्व चेयरमैन उतरे फिल्म के समर्थन में
दूसरी तरफ फिल्म पद्मावती को लेकर सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) के पूर्व चेयरमैन पहलाज निहलानी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
निहलानी ने कहा, 'लोगों ने बिना फिल्म को देखे इस विवादों में घसीट दिया। कई लोगों और राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग राज्यों में इसके विरोध में उतर आई। फिल्म को CBFC ने दरकिनार कर दिया जो उसपर सवाल उठाता है।'
This film was sidelined by CBFC & it raises question on the Censor Board. Producers suffered such huge losses because of the cuts. Vote bank politics has obviously been done, the film is being seen after elections. Chairman faced pressure from the ministry: Pahlaj Nihalani pic.twitter.com/4MVjw8w0jg
— ANI (@ANI) December 30, 2017
उन्होंने कहा, 'अगर फिल्म से सीन हटाए जाते हैं तो इसके निर्माताओं को बड़ा नुकसान होगा और ये सब निश्चित तौर पर सिर्फ वोट बैंक की राजनीतिक के लिए की गई है।' पहलाज ने कहा, 'फिल्म को रिलीज की अनुमति चुनाव के बाद मिल रही है जिससे साफ दिखता है कि CBFC के चेयरमैन पर मंत्रालय का दबाव था।'
करणी सेना ने फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ और उन्हें तोड़मरोड़ को पेश करने करने का आरोप लगाया था।