Advertisement
23 December 2017

धर्म और जाति के नाम पर विघटन का काम कर रही है सरकार

पूर्व प्रधानमंत्री  स्व. चौधरी चरण सिंह की जयंती पर विपक्षी दलों के नेताओं ने किसानों की बदतर हालत के लिए सरकार की नीतियों और किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिलना बताया। साथ ही इस बात पर चिंता जताई कि मौजूदा सरकार सत्ता में बने रहने के लिए धर्म और जाति के नाम पर सामाजिक विभाजन का काम कर रही है तथा सरकार की जनविरोधी नीतियों का मुकाबला करने का संकल्प लिया।

दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में चौधरी चरण सिंह की 115वीं  जयंती पर आयोजित किसान दिवस समारोह में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने कहा कि देश में आज किसान की हालत खराब है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों से लगातार झूठे वादे करती रही है। चौधरी अजीत सिंह ने कहा, विपक्षी नेताओं ने चौधरी चरण सिंह की नीतियां पर प्रकाश डाला और मिलकर लड़ने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगे भाजपा को सत्ता के लाने में अहम हिस्सा रहे हैं लेकिन हाल के यूपी निकायों चुनाव में हालात उलट हो गए हैं और यहीं से भाजपा को इन चुनावों में सबसे ज्यादा शिकस्त मिली है।

चौधरी अजीत सिंह ने कहा, आज किसानों की हालत काफी खराब है और केंद्र की भाजपा सरकार में किसानों से दुराव जगजाहिर हो गया है। किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। आज सरकार लाखों टन गेहूं, चीनी और दाल का आयात कर रही है जबकि कभी गेहूं और चावल में देश निर्यात में अग्रणीय रहा है। चौधरी चरण सिंह का मानना था कि बिना किसान की तरक्की के व्यापारी भी तरक्की नहीं कर सकता और न ही उद्योग धंधे पनप सकते हैं। अगर जिंदगी बचानी है तो भाजपा को हटाना होगा।। मोदी जुमले बोलते हैं और अब यह बात सभी को समझ आऩे लगी है। हमें मौजूदा हालत में एकजुट होना होगा। चरणसिंह जी के नीतियों और आदर्शों पर चलना होगा तभी समाज और किसान की भलाई हो सकती है।

Advertisement

शरद यादव ने कहा, चौधरी चरण सिंह कभी जात बिरादरी से ऊपर उठकर जमात के बारे में सोचते थे जिसके चलते वह देश के प्रधानमंत्री  बने। लेकिन आज भाजपा समाज को खंड खंड कर वर्गों में लड़ाने का काम कर रही है। संविधान देश के विकास का इंजन है और हमें वोट के महत्व को समझना होगा। जात बिरादरी ने ही किसान का नाश किया है। अगर चौधरी चरण सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो इससे ऊपर उठकर जमात को बढ़ाना होगा। देश हित में सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर लड़ना होगा।

लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि जाति और धर्म की राजनीति से किसान कमजोर हुआ है। देश के संसाधनों पर पहला हक किसानों और जवानों का है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य की हालत बेहद खराब है। सरकार को सामाजिक क्षेत्रों में बजट बढ़ाना चाहिए। शहीदों के बच्चों की शिक्षा के खर्च में कटौती कर सरकार शहीदों का अपमान कर रही है। किसान हर वर्ष आत्महत्या कर रहे है लेकिन सरकार एक आंसू तक नही बहाती। अब किसानों को एकजुटता का परिचय देना होगा तभी उनका भला हो सकता है। चौधरी साहब का मानना था कि जब तक गांव किसान का विकास नहीं होगा तब तक देश का विकास नहीं हो सकता।

समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि किसान के संपन्न हुए बिना देश संपन्न नहीं हो सकता। आज जीडीपी में खेती का हिस्सा 50 फीसदी से घटकर 11 फीसदी रह गया है। संरक्षण की कमी के चलते देश में 50 हजार करोड़ रुपये की फल और सब्जी सड़ जाती है। आज किसान की हालत खराब है और वह खेती छोड़कर शहर की ओर जा रहा है। एक तरफ प्रधानमंत्री बुलेट ट्रेन और स्मार्ट सिटी का सपना परोस रहे हैं दो दूसरी तरफ देश का अन्नदाता किसान खुदकुशी करने को मजबूर है।

सीपीआई नेता सीता राम येचुरी ने कहा कि जिस देश की पूंजी कम हो और मेनपावर ज्यादा हो वहां इस तरह के उद्योग लगाने चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग खप सकें लेकिन आज स्थिति इसके उलट हो रही है। देश में रोजगार पैदा होने के बजाय कम हो रहे हैं। मोदी सरकार अपने किसी वादे को पूरा नहीं कर पाई है।  देश में नेता नहीं बल्कि नीति की जरूरत है  तभी बेहतर भारत का निर्माण हो सकेगा। सरकार की नीतियों के चलते ही आज किसान और गरीब परेशान है। अब सरकार के झूठे वादों को लोग समझने लगी है और इसकी शुरुआत गुजरात से हो गई है।

कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार ने हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार और हर एक के खाते में 15 लाख रुपये देने के वादा किया था लेकिन वह अपने वादे में फेल हो गई है। आज देश के सामने समाज को बंटवारे से रोकने की चुनौती है और इसे साझी विरासत के जरिए ही रोका जा सकता है। किसान दिवस पर विपक्षी दलों ने जिस एकजुटता का परिचय दिया है उससे अब जल्द ही देश को बिखराववादी ताकतों से निजात मिलने में देर नहीं लगेगी। पूर्व सांसद अनवर अली ने कहा कि मौजूदा हालत बदलने की जरूरत है जिसके लिए सभी को मिलकर चलना होगा तभी इनसे निपटा जा सकता है। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की ओर से दानिश अली ने विचार रखे। मंच संचालन लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने किया।

                                                  

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: kisan divas, charn singh, lokdal, opposition, unity, सांझी विरासत, किसान दिवस, लोकदल
OUTLOOK 23 December, 2017
Advertisement