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12 January 2018

जानिए कौन हैं, मीडिया के सामने आने वाले SC के चार जज

ani

यह देश में पहला ऐसा मौका है जब सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों ने प्रेस कांफ्रेंस की हो। जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ मीडिया के सामने आकर अपनी बात रख रहे हैं। जस्टिस चेलमेश्वर की अगुवाई में कुल 4 जजों ने न्यायपालिका की व्यवस्था पर सवाल उठाए। आइए जानते हैं इन जजों के बारे में...

 जस्ती चेलमेश्वर

नेशनल ज्यूडिशियल अपॉइंटमेन्ट्स कमीशन (NJAC) का समर्थन करने वाले और कोलेजियम व्यवस्था की आलोचना कर चुके जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर का जन्म आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में हुआ था। वे आगे चलकर मुख्य न्यायाधीश के तौर पर केरल और गुवाहाटी हाईकोर्ट में नियुक्त हुए। भौतिकी विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई के बाद उन्होंने 1976 में आंध्र यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की। अक्टूबर, 2011 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए थे।

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आपको बता दें कि जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर और रोहिंगटन फली नरीमन की 2 सदस्यीय बेंच ने उस विवादित कानून को रद्द किया जिसमें पुलिस के पास किसी के खिलाफ आपत्तिजनक मेल करने या इलेक्ट्रॉनिक मैसेज करने के आरोप में गिरफ्तार करने का अधिकार था। उनके इस निर्णय की देशभर में जमकर तारीफ हुई।

जस्टिस कुरियन जोसेफ

1979 में अपनी वकालत कॅरिअर की शुरुआत करने वाले जस्टिस कुरियन जोसेफ 2000 में केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चुने गए। इसके बाद फरवरी, 2010 में उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। 8 मार्च, 2013 को जस्टिस कुरियन सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त हुए।

 

जस्टिस रंजन गोगोई

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जजों में शामिल जस्टिस रंजन गोगोई असम से आते हैं। उनके पिता केशव चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री रहे हैं। गुवाहाटी हाईकोर्ट से कॅरिअर की शुरुआत करने वाले गोगोई फरवरी, 2011 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। अप्रैल, 2012 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए।

वरिष्ठता के आधार पर अक्टूबर, 2018 में वह सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपक मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं। यदि ऐसा हुआ तो वह भारत के पूर्वोत्तर राज्य से इस पद पर बैठने वाले पहले जस्टिस होंगे।

 

जस्टिस मदन भीमराव लोकुर

जस्टिस मदन भीमराव लोकुर की विद्यालयी शिक्षा नई दिल्ली में हुई। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से इतिहास (ऑनर्स) में स्नातक की डिग्री पाई। फिर उन्होंने दिल्ली से ही कानून की पढ़ाई की। 1977 में उन्होंने अपने वकालत कॅरिअर की शुरुआत की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत की है। फरवरी से मई 2010 तक वे दिल्ली हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे। इसके बाद जून में वह गुवाहाटी हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश पद पर चुन लिए गए। इसके बाद वह आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के भी मुख्य न्यायधीश रहे हैं।

 

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TAGS: who is the fourth sitting judges, in front of the media, speaks on the Supreme Court, J.Chelameswar
OUTLOOK 12 January, 2018
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