Advertisement
14 January 2016

चर्चाः हंसाना मना है! आलोक मेहता

गूगल

पाकिस्तानी कलाकारों के हास्य व्यंग्य वाले कार्यक्रम एक जमाने में भारत में भी अधिक लोकप्रिय रहे। भारतीय संस्कृति और परंपरा में राज दरबार के रंगमंच में विदूषक सर्वाधिक पसंदीदा होते थे। ऐसे देश में धर्म-संप्रदाय से ऊपर उठकर प्रेम और शांति का संदेश देने वाले बाबा राम रहीम की सिनेमाई भूमिका की नकल से टी.वी. कार्यक्रम के जरिये लाखों लोगों को आनंदित करने वाले कलाकार कीकू शारदा को हरियाणा पुलिस द्वारा स्टुडियो से उठाकर गिरफ्तार किए जाने की घटना विचलित कर देने वाली है।

 

कलाकार का धर्म केवल कला होता है। उसके पीछे कोई राजनीति, पूर्वाग्रह और मानहानि का इरादा कतई नहीं हो सकता। टेलीविजन कार्यक्रमों अथवा मंचों पर प्रधानमंत्री सहित नेताओं, सामा‌जिक-आध्यात्मिक गुरुओं पर तीखे हास्य-व्यंग्य बराबर दिखते हैं। ब्रिटेन के मीडिया में न्यायाधीशों तक पर तीखे कार्टून दिखाई देते हैं। बाबा राम रहीम ने अपने को कभी ‘भगवान’ नहीं बताया। वह तो युवा पीढ़ी को नैतिक मूल्यों से जोड़ने के लिए पश्चिमी संगीत की धूमधाम और अपनी फिल्मों में एक्टिंग तक करते हैं। दूसरी तरफ हरियाणा की राजनी‌ति में विभिन्न दल उनकी लोक‌प्रियता का लाभ उठाने की कोशिश करते रहे हैं। संभव है कि कीकू शारदा के अभिनय और हास्य व्यंग्य से उनके कुछ समर्थकों को बुरा लगा हो, लेकिन हरियाणा या अन्य राज्यों में क्या हर प्राथमिकी पर गिरफ्तारी हो जाती है? ऐसा होने लगे, तो देश के सर्वोच्‍च पदों पर बैठे लोगों को गिरफ्तार करवाने की मांग करने वाले लोग सक्रिय हो जाएंगे। मानहानि अथवा धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर कानूनी कार्रवाई के प्रावधान हैं।

Advertisement

 

लेकिन यह उचित समय है, जब ऐसे नियम-कानूनों के पालन में सत्ता व्यवस्‍था के विवेक पर जोर देने के साथ पुराने कानूनों में संशोधनों पर विचार किया जाए। यहां तो किसी धर्म को अपमानित करने की स्थिति भी नहीं थी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए जेल जाने वाले भाजपाई नेताओं को हरियाणा की पुलिस को सही राह दिखाने में कितना समय लगेगा?

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: मुद्दा, कीकू शारदा, बाबा राम रहीम, धर्मगुरु, हरियाणा पुलिस, गिरफ्तार, आलोक मेहता, भाजपा नेता
OUTLOOK 14 January, 2016
Advertisement