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16 April 2017

समान नागरिक संहिता, तीन तलाक पर विधि आयोग ने मांगी राय

समान नागरिक संहिता से जुड़े मुद्दाेेंं पर विचार करने का जिम्मा भारत सरकार के विधि आयोग को सौंपा गया है। आयोग ने इस बारे में 16 प्रश्नों की सूची जारी की है, जिसमें समान नागरिक संहिता, पर्सनल लाॅ को संहिताबद्ध करने, तीन तलाक, बहु विवाह, गुजारा भत्ता, उत्तराधिकार जैसे विषयों पर आम जनत से राय मांगी गयी है।

इस बारे में पूछे जाने पर विधि एवं न्याय राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने बताया कि समान नागरिक संहिता और विभिन्न पर्सनल लाॅ का गहराई से अध्ययन किये जाने की जरूरत है। सरकार ने इस पर विचार करने के लिए भारत के विधि आयोग से आग्रह किया है। यह विषय अभी विधि आयोग के समक्ष है।

विधि एवं न्याय मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विधि आयोग की ओर से समान नागरिक संहिता के बारे में 16 प्रश्नों की सूची तैयार की गई है, जिन पर लोगों की राय मांगी गई है। इन सवालों में पूछा गया है कि क्या एक से अधिक पत्नी या पति की परंपरा को प्रतिबंधित करना चाहिए या इसका नियमन किया जाना चाहिए। क्या तीन तलाक की परंपरा को समाप्त करना चाहिए या इसे बनाये रखना चाहिए अथवा इसे उपयुक्त संशोधनों के साथ बनाये रखना चाहिए।

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आयोग ने यह भी पूछा है कि क्या  एेसे कदम उठाये जाने चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हिन्दू महिलाएं अपनी सम्पत्ति के अधिकार का बेहतर उपयोग कर सकें जो कि अक्सर परंपरा के अनुसार बेटे के पक्ष में होते हैं। विधि आयोग ने यह भी जानना चाहा है कि क्या सभी धार्मिक मान्यताओं में तलाक के लिए एक साझा आधार होना चाहिए? विवाह के अनिवार्य पंजीकरण को बेहतर ढंग से कैसे लागू किया जा सकता है ? अंतरजातीय या अंतर धर्म विवाह करने वाले जोड़ों की सुरक्षा के लिए कौन-कौन से कदम उठाये जा सकते हैं?

 

 

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TAGS: law commission, uniform civil code, triple divorce
OUTLOOK 16 April, 2017
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