कन्हैया की गिरफ्तारी पर जेएनयू में एकत्र हुए वाम और कांग्रेस नेता
देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जेएनयू में आज छात्र संघ अध्यक्ष कन्हा कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वाम दलों के नेताओं के साथ ही कांग्रेस उपाध्यक्ष भी पहुंचे। राहुल के अलावा कार्यक्रम में कांग्रेस के आनंद शर्मा और अजय माकन भी मौजूद रहे। हालांकि राहुल जब कैंपस में पहुंचे तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ छात्रों ने उन्हें काले झंड़े दिखाए। छात्रों की नारेबाजी की वजह से विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार ने माइक बंद करवा दिया। राहुल गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी का मुद्दा उठाया। उन्होंने जेएनयू में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, मैं कुछ दिन पहले हैदराबाद में था और तब भी कुछ नेता रोहित वेमुला को देशद्रोही बता रहे थे। सबसे बड़े देशद्रोही तो वे लोग हैं जो इस संस्थान के अंदर से निकलने वाली आवाज को दबाना चाहते हैं। राहुल और अन्य विपक्षी नेताओं ने जेएनयू छात्र संघ की ओर से आयोजित बैठक में छात्र संघ अध्यक्ष की तत्काल और बिना शर्त रिहाई, परिसर में पुलिस राज खत्म करने एवं जेएनयू के छात्रों को चुन-चुनकर निशाना बनाना बंद करने की मांग की।
इससे पहले जेएनयू विवाद में भाजपा के हमले का शिकार बनी कांग्रेस ने पलटवार किया और नरेंद्र मोदी सरकार पर जेएनयू विरोधी होने का और इस संस्थान को बंद करने की मंशा रखने एवं वामपंथी एवं प्रगतिशील ताकतों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, यह सरकार जेएनयू विरोधी है और इस विश्वविद्यालय को बंद करना चाहती है। वह इसे वाम-उदारवादी एवं प्रगतिशील ताकतों को निशाना बनाने के लिए ट्रिगर के रूप में इस्तेमाल कर रही है। जेएनयू छात्रासंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी का परोक्ष जिक्र करते हुए तिवारी ने कहा, राजद्रोह का कानून बहुत स्पष्ट है और वह राजद्रोह कानून के तहत आरोपों को कभी साबित नहीं कर पाएंगे। तिवारी ने कहा, भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर तर्कसंगत सीमा लगी हुई है। छात्रनेता की गिरफ्तारी की आलोचना करने पर राहुल गांधी पर प्रहार करते हुए भाजपा ने आरोप लगाया था कि वे आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा की भाषा बोल रहे हैं जो शहीदों का अपमान है और राष्ट्रविरोधी ताकतों का मनोबल बढ़ाएगा।
वहीं पूरे विवाद के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह हर किसी को आतंकित करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि देशद्रोही गतिविधियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और दोषियों की पहचान कर उन्हें सजा दी जानी चाहिए। वहीं केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया कि वह जेएनयू के छात्रों और प्रोफेसरों को मौजूदा विवाद में परेशान करने के लिए तानाशाही रवैये का इस्तेमाल कर रही है। पार्टी ने कहा कि पूरे मामले ने भाजपा की अगुवाई वाली सरकार के छात्र विरोधी चेहरे को उजागर कर दिया है। आप ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस साजिश में शामिल है।
जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष की गिरफ्तारी के विवाद में कूदते हुए उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान ने केंद्र की आलोचना की और कहा कि भाजपा सरकार की मंशा इस प्रतिष्ठित संस्थान को बंद करने की है। जेएनयू के विद्यार्थियों के खिलाफ लगे आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा का छुपा हुआ एजेंडा शिक्षा प्रणाली एवं माहौल का भगवाकरण करना है। उन्होंने कहा, जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मामले में भी यही दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है। मंत्री ने कहा, विद्यार्थी अपने देश एवं संविधान के विरूद्ध आवाज नहीं उठा सकते। यह जेएनयू को बंद करने की भाजपा की मंशा है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के विरूद्ध की गई कार्रवाई भाजपा की अपने एजेंटों को तैनात करने की रणनीति है जिन्होंने नारेबाजी की तरकीब अपनाई। आजम खान ने कहा कि यदि भाजपा को बिहार में करारी हार नहीं मिलती तो कुछ बड़ी खतरनाक घटनाएं होतीं।
(एजेंसी इनपुट)