किसानों की खुदकुशी के बीच हक वापसी की गूंज
नई दिल्ली। शुक्रवार को देश भर से आए हजारों लोगों ने जन अधिकारों पर किए जा रहे हमलों के खिलाफ संसद मार्च किया। पिछले दो दिन से दिल्ली में धरना दे रहे ये प्रदर्शनकारी शुक्रवार सुबह कृषि भवन के गेट पर जमा हुए और आम जनता के हक में कटौती के खिलाफ नारेबाजी करते हुए संसद की ओर बढ़े।
मनरेगा जैसी सामाजिक योजनाओं और अधिकारों में कटौती के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने घर वापसी नहीं, हक वापसी के नारे लगाए। ये लोग खाद्य सुरक्षा कानून, मनरेगा, आईसीडीएस जैसे सामाजिक कार्यक्रमों के लिए सरकार से पर्याप्त बजट की मांग कर रहे थे। इसके अलावा लोकपाल और व्हीसल ब्लोअर्स एक्ट को तुरंत प्रभावी करने की मांग भी उठाई। इस दौरान मुख्य सूचना आयुक्त के 8 महीने से खाली पड़े पद को नहीं भरने के लिए सरकार की कड़ी आलोचना की गई। प्रदर्शनकारियों में एन्नी राजा, निखिल डे, अंजली भारद्वाज, माधुरी कृष्णास्वामी, कविता श्रीवास्तव, दीपा सिन्हा, अमृता जौहरी सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता शामिल थे।
गौरतलब है कि मोदी सरकार मनरेगा की मजदूरी के भुगतान में देरी और नए काम जारी न कर इस योजना को कमजोर करने में लगी है। इसी तरह खाद्य सुरक्षा कानून के क्रियान्वयन को लेकर भी सरकार का रवैया बेहद उदासीन है जबकि समेकित बाल विकास योजना के बजट में 50 फीसदी की कटौती की गई है। अनाज के बजाय नकद भुगतान की कोशिशें भी चल रही हैं।
संसद की ओर बढ़ते प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और विभिन्न मांगों पर संबंधित मंत्री से बातचीत के आश्वासन पर इन्हें जंतर-मंतर ले जाया गया। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री जितेंद्र सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, खाद्य मंत्री राम विलास पासवान और ग्रामीण विकास मंत्री राव वीरेंद्र सिंह से मिलने का समय मांगा है।