गुजरात चुनाव ने बदली कई चीजों पर जीएसटी टैक्स की श्रेणियां
गुजरात विधानसभा चुनाव में फायदा उठाने के लिए कई चीजों पर जीएसटी टैक्स में बदलाव किया गया है तो कुछ चीजों पर टैक्स लागू करने को ही स्थगित कर दिया गया है। मोदी सरकार की इन्हीं नीतियों के चलते ही देश की अर्थव्यवस्था आज चौपट हो रही है और बेरोजगारी बढ़ रही है।
यह आरोप कांग्रेस प्रवक्ता रण्ादीप सुरजेवाला ने लगाते हुए कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद की गई घोषणा से सीधे तौर पर गुजरात के कारोबारियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है क्योंकि वहां इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिन 27 श्रेणियों में बदलाव किया गया है उसमें कई गुजरात के कारोबारियों से जुड़ी हैं। सरकार केवल फैसलों को स्थगित कर रही है। फिर चाहे वह टीडीएस हो या टीसीएस या फिर ई-वे बिल हो। तकनीकी के मामले में भी सरकार की योजना ठीक साबित नहीं हुई जिसके चलते जुलाई तक ही करीब 65 हजार करोड़ रुपये का टैक्स रिफंड नहीं दिया जा सका है।
कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि भारत में जीएसटी दरें अन्य देशों के मुकाबले काफी ज्यादा हैं। पेट्रोलियम पदार्थों, बिजली और रियल एस्टेट पर जीएसटी लगाने के लिए अभी तक कोई रोडमैप नहीं है जबकि कांग्रेस लगातार इन पर जीएसटी लगाने की बात करती रही है। निर्यात पर छूट को स्थगित कर दिया गया है। कंपोजिट स्कीम की राशि बढ़ाकर जरूर कुछ राहत दी गई है। कृषि से जुड़ी कई चीजों को कर के दायरे में ला दिया गया है। इससे देश का किसान भी संकट में है। कपड़ा उद्योग दूसरे नंबर पर आता है लेकिन कपड़े के छोटे कारोबारियों को जीएसटी में काफी नुकसान होना तय है वह बड़े कारोबारी से मुकाबला नहीं कर सकता। देश में बेरोजगारी बढ़ रही है और इसके लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार जिम्मेदार है। जनता से जुड़ी अभी भी कई चीजों पर 28 फीसदी जीएसटी लगा हुआ है। सवाल है कि आखिर आम आदमी जाए तो कहां जाए।