मोदी जी को किसान समर्थक जानकर किया था गठबंधन, लेकिन वे झूठे निकले: राजू शेट्टी
महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए राजू शेट्टी ने कहा कि सरकार ने 34 लाख करोड़ रुपये की कर्जमाफी का फायदा केवल कागजों में ही दिया है, हकीकत में नही। उन्होंने कहा, “मैंने तो मोदी जी को किसान समर्थक जानकर ही उनके साथ गठबंधन किया था लेकिन मोदी जी तो झूठे निकले।” उन्होंने कहा कि किसान ने सिर पर टोपी तो पहन रखी है लेकिन अब उसकी इज्ज़त ना के बराबर हो गयी है। सरकार ने उसे कहीं का नही छोड़ा है। लेकिन अब किसान जान चुके है कि कारखानों को फायदा दिलाने के लिए सरकार किसान के विरोध में कदम उठाने को तत्पर है इसलिए अब किसान चुप नहीं बैठेंगे।
शहादा की सभा को सम्बोधित करते हुए समन्वय समिति के संयोजक वीएम सिंह ने महाराष्ट्र के किसानों से वादा करते हुए कहा, "यदि आपका सहयोग मिला तो हम अगले 3 साल में महाराष्ट्र से पूरी तरह आत्महत्या खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा कि हम अपने संगठित संघर्ष के बल पर मोदी सरकार को कर्जा मुक्ति और पूरे दाम देने के लिए मजबूर कर देंगे।
सभा में बोलते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से किसानों ने जागना शुरू कर दिया है और जब हम जाग ही गये हैं तो सोती हुई सरकार को जगा कर ही मानेंगे। उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि मैं किसानों की स्थिति बदलने के लिए आपसे 5 साल मांगता हूं। उन्होंने देश भर के किसान आंदोलन को संगठित करने का श्रेय वीएम सिंह और राजू शेट्टी को दिया।
सभा को सम्बोधित करते हुए मेधा पाटकर ने कहा कि यही वो समय है जब इस समन्वय समिति को चाहिए कि एक किसान आय आयोग का भी गठन हो। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने जनांदोलनों के कड़े दबाव के कारण ही कर्ज़माफ़ी की है और मैं सरकार को बता देना चाहती हूँ कि जन आन्दोलन की ताकत ने बड़ी-बड़ी सरकारों को हिलाकर रख दी हैं। यदि आगे भी सरकारें जनता को नजरअंदाज करेंगी तो सरकारें सत्ता में टिक नही पाएंगी। सभा को सम्बोधित करते हुए तमिलनाडु के किसान नेता विमलनाथन ने कहा कि हमने आज़ादी तो हासिल की लेकिन किसान आज भी आज़ाद नही हुआ। हम यह लड़ाई किसान को आज़ाद करने के लिए कर रहे हैं।
वहीं धुले की जनसभा में बोलते हुए महाराष्ट्र की किसान नेता प्रतिभा शिंदे ने कहा कि किसान की आत्महत्या, सिर्फ़ आत्महत्या नहीं, बल्कि व्यवस्था के द्वारा की गई हत्या है। उन्होंने कहा कि हम आश्वासन पर नहीं ज़िंदा रह सकते, हमें उचित दाम और नुकसान की भरपाई भी चाहिये। वहीं मेधा पाटेकर ने कहा कि अब तो किसान के बाद आदिवासी भी आत्महत्या की ओर बढ़ने के लिए मजबूर हुए हैं।
किसान नेताओं को समर्पित आंदोलन
ज्ञात हो कि किसान मुक्ति यात्रा में हर दिन एक किसान नेता को आंदोलन समर्पित किया जाएगा। जहां शनिवार का दिन महान किसान नेता बीडी शर्मा को समर्पित था वहीं रविवार का दिन महान किसान नेता शरद जोशी को समर्पित किया गया है।
किसान नेताओं का जमावड़ा
किसान नेता वी एम सिंह, अय्याकन्नू, राजू शेट्टी, रामपाल जाट, हन्नान मौला, अविक साहा, डॉक्टर सुनीलम, दर्शन पाल, के चंद्रशेखर, कविता कुरुग्न्थी और योगेंद्र यादव यात्रा में शामिल रहे। यह किसान मुक्ति यात्रा 6 राज्यों से होती हुई 18 जुलाई को दिल्ली के जंतर-मंतर पहुँचेगी। इस यात्रा के साथ हज़ारों की संख्या में किसान जंतर-मंतर पहुँचेंगे और अपनी दोनों मुख्य माँगों के पक्ष में अनिश्चित कालीन धरना करेंगे।