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17 April 2016

शरई कानून वाले देश में जाएं शरीयत की वकालत करने वाले: आदित्यनाथ

फाइल फोटो पीटीआई

गोरखपुर से भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने रविवार को बलिया में कहा कि बोर्ड ने शरई कानून में दखलंदाजी का आरोप लगाया है, मगर भारत शरीयत से नहीं चलेगा। यह देश एक संविधान और विधान से चलेगा। शरई कानून में हस्तक्षेप न करने की मांग उठाने वाले लोगों को ऐसे मुल्क चले जाना चाहिए जहां यह कानून लागू हो। उन्होंने कहा कि अदालतों के जरिये शरीयत में हस्तक्षेप के आरोप वाला बोर्ड का बयान दरअसल न्यायालय की अवमानना के दायरे में आता है।

 

गौरतलब है ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कल आरोप लगाया था कि अदालतों के जरिये मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप किया जा रहा है और वह केंद्र से अपील करता है कि शरई कानून का अस्तित्व बनाए रखने के पिछली सरकारों के रुख पर कायम रहा जाए। बोर्ड के सदस्य जफरयाब जीलानी ने बोर्ड की कार्यकारिणी समिति की बैठक के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि अदालतों के जरिये पर्सनल लॉ में दखलंदाजी की जा रही है। उच्चतम न्यायालय में हाल में तलाक के एक मामले समेत कई प्रकरण आए हैं। उन्होंने कहा था कि बोर्ड की सरकार से अपील है कि शरीयत में किसी तरह की मदाखिलत या हस्तक्षेप न हो। पूर्व में जिस तरह से सरकारों का शरीयत कानून को लेकर सकारात्मक रुख रहा है, वही अब भी कायम रहे।

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TAGS: विवादित बयान, चर्चा, भाजपा, सांसद योगी आदित्यनाथ, शरई कानून, अदालत, दखलंदाजी, आपत्ति, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, शरीयत कानून, जफरयाब जिलानी, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
OUTLOOK 17 April, 2016
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