प्रदूषण पर सरकारों को एनजीटी की फटकार, कहा,- नहीं छीन सकते जीने का अधिकार
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति भयावह है। स्कूल बंद हैं। बिना मॉस्क लगाए घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। कई इलाकों में एयर क्वालिटी इतनी खराब है कि लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इस मसले पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों को फटकार लगाई है। एनजीटी ने कहा है कि संविधान लोगों को जीने का अधिकार देता है। पर वो छीना जा रहा है, क्योंकि वे साफ हवा में सांस तक नहीं ले पा रहे हैं।
एनजीटी ने कहा, ‘इस मामले में सभी पक्षकारों का रवैया बेहद शर्मनाक है, उन्हें देखना चाहिए कि अगली पीढ़ी को वह क्या सौंप रहे हैं। यहां तक कि निर्माण कार्य खुले में हो रहे हैं, उन्हें रोका नहीं जा रहा और जब ऐसे हालात आ गए हैं तो कार्रवाई का वादा किया जा रहा है।’ पूरे एनसीआर में निर्माण कार्य पर अगली सुनवाई तक एनजीटी ने रोक लगा दी है। इस दौरान मजदूरों को उनका मेहनताना देते रहने का भी आदेश दिया है। प्रदूषण करने वाले उद्योगों पर रोक लगाने का आदेश देते हुए न्यायाधिकरण्ा ने कहा कि सभी विभाग निगरानी के लिए टीम बनाएं। अगर खुले में सीमेंट, बजरी पड़ी है तो उसको जब्त करें और जुर्माना वसूलें।
सरकारों पर कठोर टिप्पणी करते हुए एनजीटी ने कहा, ‘बस मीटिंग हो रही हैं, चिट्ठियां लिखी जा रही हैं और एक- दूसरे पर सहयोग न करने का आरोप लग रहा है। इसी वजह से ऐसे हालात बन रहे हैं। ऐसे माहौल में मूकदर्शक नहीं बना रहा जा सकता और जनता को इन हालात में रहने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता।’
सुनवाई के दौरान एनजीटी ने दिल्ली सरकार से पूछा कि धूल दबाने के लिए हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने कहा कि हमने इस पर चिट्ठी लिखी है। एनजीटी ने कहा कि यहां कोई चिट्ठी लिख रहा है, कोई कार्रवाई की बात कर रहा है। पर हकीकत क्या है, यह हम सबके सामने है। अस्पताल जाकर देखिए लोगों को किस तरह की परेशानी हो रही है। लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है। आज सुनवाई होनी थी इसलिए कल आदेश जारी किए गए।