नोटबंदी के साइड इफेक्ट, क्या यह निर्णय जल्दबाजी में ले लिया गया
उन्होंने कहा, आम तौर पर हमारे यहां कर चोरी को अपराध ही नहीं समझा जाता। छोटे दुकानदार से लेकर बड़े व्यापारी और आम नागरिक सभी लोग सरकारी कर चुराने का हरसंभव प्रयास करते हैं। महिलाओं को मिली कर छूट का लोग नाजायज इस्तेमाल करते हैं।
एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म में उत्तर प्रदेश के प्रमुख एवं संयोजक डा. लेनिन ने कहा, मुख्य तौर पर यह पहल ज्यादा से ज्यादा लोगों को कर दायरे में लाने के लिए की गयी है। इससे काले धन पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन कर चोरी के जरिये काली मुद्रा जुटाने वाले लोग जरूर पकड़े जाएंगे। इस तरह तो देश के अधिकांश लोग किसी न किसी तरह से कर चोरी करते ही हैं। उन्होंने कहा कि दिसंबर के बाद सरकार को सभी जनधन खातों की सख्ती से जांच करानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार को अचानक इस प्रकार का निर्णय करने से पहले पूरी तैयारी करनी चाहिये थी।
लेनिन ने सरकार के इस कदम की सराहना करते हुये कहा कि इसके पूर्ण क्रियान्वयन के लिए सरकारी एजेंसियों, अधिकारियों और आयकर अधिकारियों को कई माह तक बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। भाषा एजेंसी