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03 November 2015

अवार्ड नहीं लौटाएंगे कमल हासन, बोले-शुरू से है असहिष्णुता

गूगल

देश में बढ़ रही असहिष्णुती की घटनाओं के विरोध में खुद को मिले पुरस्कारों को वापस करने की संभावना को खारिज करते हुए तमिल अभिनेता कमल हासन ने कहा कि ये प्रतिभाशाली लोग हैं। पुरस्कार लौटाने की बजाए उनके एक लेख लिखने से इस मुद्दे पर लोगों का ज्यादा ध्यान जाएगा। उन्हें पुरस्कार अपने पास रखने चाहिए, हमें गौरवान्वित करना चाहिए और कोई भी सरकार जो कम सहिष्णु है उसके खिलाफ लड़ते रहना चाहिए। 

 

60 साल के हासन ने कहा, पुरस्कार लौटाने से कुछ नहीं होता है। ऐसा कर आप सरकार का या आपको पुरस्कार देने वालों का अपमान करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से इस पर ध्यान तो जरूर जाएगा लेकिन और भी कई तरीके हैं। हासन ने कहा कि असहिष्णुता पर बहस 1947 से जारी है और इस पर हर पांच साल पर बहस होनी चाहिए। आगे उन्होंने कहा, आपने बहस अपने हाथों में ले ली है। लेकिन यह असहिष्णुता 1947 से है, इसलिए हम दो राष्ट्र बने। भारत और पाकिस्तान एक साथ हो सकते थे और यह एक शानदार और विशाल देश होता और हम वाणिज्य एवं हर चीज में चीन से लोहा लेते। इस असहिष्णुता ने ही तब राष्ट्र को बांटा था, यह दोबारा इसे ना बांटने पाए।

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फिल्मकारों, वैज्ञानिकों, लेखकों एवं इतिहासकारों समेत बुद्धिजीवियों की एक बड़ी जमात ने देश में असहिष्णुता के माहौल के विरोध में अपने पुरस्कार लौटा दिए हैं। पुरस्कार लौटाने वाले फिल्मकारों में निर्देशक दिबाकर बनर्जी, डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार आनंद पटवर्द्धन और निष्ठा जैन समेत कई अन्य लोग शामिल हैं।

 

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OUTLOOK 03 November, 2015
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