शिक्षा को लेकर करीब आएंगे भारत और सउदी
किंग खालिद यूनिवर्सिटी के कैंपस में 35,000 छात्र हैं और यूनिवर्सिटी के कुल छात्रों की संख्या 70,000 है। इसमें मेडिकल, भाषा, इंजीनियरिंग, तक्नीक आदि तमाम तरह की पढ़ाई शामिल है। जफर सरेशवाला का कहना है कि हम भारतीय लोग सउदी अरब को मक्का से आगे कम जानते हैं लेकिन शिक्षा जगत में उपकरण और स्तर पर वहां की यूनिवर्सिटीज बेहतरीन काम कर रही हैं। गौरतलब है कि जफर सरेशवाला से पहले प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी भी सउदी अरब गए थे और उनके द्वारा किए गए कई समझौतों में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े भी कई समझौते थे।
अभी तक भारत के मिडल-ईस्ट देशों संबंध बिजनेस तक सीमित थे लेकिन अब शिक्षा के मुद्दे पर पहली दफा समझौते और आदान-प्रदान शुरू हुआ है। सरेशवाला का कहना है कि हम चाहते हैं कि सउदी अरब और भारत की यूनिवर्सिटीज के बीच इंटर यूनिवर्सिटी कार्य़क्रम आयोजित हों। वहां के छात्र भारत आएं और भारत के छात्र यहां से अरब देशों में जाएं। जैसे सिविल सर्विस क्लीयर के बाद अपनी नौकरी के दौरान यहां के अधिकारी यूरोपियन देशों में जरूर जाते हैं ऐसे ही वे अरब देशों में भी जाएं।
इसी कड़ी में जुलाई में किंग खालिद यूनिवर्सिटी से मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी हैदराबाद एक डेलिगेशन आ रहा है। सरेशवाला के अनुसार यह यूनिवर्सिटी ई-लर्निंग में बेहतरीन काम कर रही है। हम चाहेंगे कि हमारे जिन स्कूल-कॉलेजों में टीचर कम हैं, वहां के लिए हम इनसे ई-लर्निंग के बारे में जानें। दूसरा इनकी यूनिवर्सिटी में मुस्लिम छात्रों को फारसी से अंग्रेजी तर्जूमा बेहतरीन सिखाया जाता है। क्योंकि अपने मुल्क से बाहर तरक्की के लिए अंग्रेजी जुबान जरूरी जुबान हो गई है। सरेशवाला के अनुसार सउदी अरब की यूनिवर्सिटीज भी चाहती हैं कि वे यहां हमारे आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थानों की पढ़ाई देखें। दोनों देशों के बीच शिक्षा वीजा पर आसान नियम भी बनाए जा रहे हैं। जिन्हें जल्द हरी झंडी मिलेगी।