Advertisement
17 April 2015

पिछड़े वर्ग के कई नेता आरक्षण के समर्थक नही

आउटलुक

जाटों को मिलने वाले आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया। इस बारे में आपकी क्या‍ राय है?

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करना चाहिए। अगर अदालत ने कोई फैसला दिया है तो कुछ सोच-समझकर ही दिया होगा।
लेकिन सरकार ने पुनर्विचार याचिका डाली है?
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। क्यों‍कि संविधान में पिछड़े वर्ग को जो आरक्षण मिला है उसका सबको समर्थन करना चाहिए। सरकार की यह याचिका शुद्ध रूप से राजनीति से प्रेरित है।
वह कैसे?
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यूपीए सरकार ने जाटों का वोट लेने के लिए आरक्षण देने का फैसला लिया और एनडीए ने भी इसका समर्थन किया। यह सब वोट बैंक की राजनीति है। क्यों‍कि सभी राजनीतिक दलों की निगाह पिछड़े वर्ग को मिलने वाले 27 प्रतिशत आरक्षण पर है। इसी में सियासी दल चाहते हैं कि अन्य जातियों को भी इसी में समाहित कर लिया जाए। मेरा साफ तौर पर कहना है कि संविधान में जो पिछड़ों को अधिकार मिला है उससे छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।
लेकिन पिछड़े वर्ग में अब आर्थिक रूप से मजबूत लोग हैं क्या‍ उनको भी आरक्षण का लाभ लेना चाहिए?
मैं यह तो कह नहीं रहा हूं कि अशोक यादव के बच्चों को इसका लाभ मिले। पिछड़े वर्ग में जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनको आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।

पिछड़े वर्ग के कई नेता अब राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल कर चुके हैं लेकिन आरक्षण के मामले में वह चुप्पी साध जाते हैं, ऐसा क्यों‍?
यह बात सही है कि आज देश की राजनीति में पिछड़े वर्ग के कई बड़े नेता हैं लेकिन उन्हें अपने वर्ग से ज्यादा वोट बैंक की चिंता रहती है। इसलिए वह आरक्षण की बात नहीं करते। आज न तो मुलायम सिंह यादव और न ही लालू यादव आरक्षण की बात करते हैं। क्यों‍कि इन लोगों को लगता है कि अगर पिछड़े वर्ग की बात करेंगे तो और जातियां बिदक जाएंगी। सब वोट की राजनीति कर रहे हैं। मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है पिछड़े वर्ग के कई नेता आरक्षण के समर्थक नहीं हैं।
ऐसा क्यों‍?
सब वोट की राजनीति है। पिछड़े वर्ग से जुड़े नेता केवल वोट की राजनीति करते हैं। कांग्रेस और भाजपा की नीति कभी सामाजिक न्याय की नहीं रही। पिछड़ा और अति पिछड़ा, दलित और महादलित को बांटकर राजनीति की जा रही है। अगर पिछड़ा और दलित वर्ग से कुछ विशेष जातियों को निकाल दिया जाए तो आरक्षण की लड़ाई ही खत्म हो जाएगी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: आरक्षण, पिछड़ा वर्ग, अशोक यादव, राजनाथ सिंह, केंद्र सरकार, यूपीए, एनडीए, दलित, महादलित, मुलायम सिंह यादव, लालू यादव
OUTLOOK 17 April, 2015
Advertisement