#OccupyUGC: यूजीसी के खिलाफ तेज हुई छात्रों की मुहिम
बुधवार से दिन-रात विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) मुख्यालय में डटे प्रदर्शनकारी छात्रों को आज सुबह पुलिस ने हिरासत में लेकर शहर से बाहर भलस्वा डेयरी पुलिस स्टेशन ले गई। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने पुलिस पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज और जबरन हिरासत में लेने का आरोप लगाया है। पुलिस के लाठीजार्च में कुछ छात्रों को चोटें भी आई हैं। पिछले कई दिनों से यूजीसी पर कब्जे की मुहिम #occupyUGC चला रहे छात्र आज शाम 5 बजे जंतर-मंतर पर भी जमा हुए। मिली जानकारी के अनुसार, काफी तादाद में छात्र अभी भी यूजीसी मुख्यालय के सामने विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इन छात्रों को आइसा, डीएसएफ, एसएफआई और एनएसयूआई जैसे कई छात्र संगठनों का समर्थन मिल रहा है।
पिछले दिनों यूजीसी ने एमफिल और पीएचडी स्टूडेंट्स को दी जाने वाली नॉन-नेट फेलोशिप खत्म करने का फैसला किया है। इसके तहत यूजीसी की नेट परीक्षा पास नहीं करने वाले एमफिल छात्रों को हर महीने 5 हजार रुपये और पीएचडी शोधार्थियों को 8 हजार रुपये की फेलोशिप मिलती थी। इतनी कम धनराशि भी यूजीसी को फिजूलखर्च लगी और इसे बंद करने का फैसला किया गया है। दरअसल, नॉन-नेट फेलोशिप बंद करने के यूजीसी के कदम को भारत सरकार द्वारा दिसंबर में होने वाले एक डब्ल्यूटीओ समझौते पर हस्ताक्षर की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। प्रदर्शनकारी छात्र इस फेलोशिप को जारी रखने के अलावा महंगाई के हिसाब से इसे बढ़ाने की मांग भी कर रहे हैं।
आईसा से जुड़े अखिल कुमार ने बताया कि आईटीओ पर प्रदर्शन कर रहे करीब 200 छात्रों पर लाठीचार्ज के खिलाफ हमने पुलिस हिरासत में अनशन किया है। यूजीसी मुख्यालय के दोबारा घेराव की भी कोशिश की गई और आईटीओ पर चक्का जाम भी लगाया। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जब तक यूजीसी अपने फैसले को वापस नहीं ले लेती है, तब तक वहां कोई भी काम होने नहीं दिया जाएगा। आज सुबह करीब पांच बजे सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने यूजीसी परिसर में घुसकर उन्हें जबरन हिरासत में ले लिया। पुलिस की इस दमनकारी कार्रवाई से जाहिर होता है कि सरकार छात्रों के विरोध-प्रदर्शन को देखकर हिल गई है। कुछ प्रदर्शनकारी छात्रों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिद्य (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं पर पत्थरबाजी का आरोप भी लगाया है।