'मैनचेस्टर हमले की निंदा करने वाले पीएम मोदी सहारनपुर हिंसा पर चुप क्यों?'
20 अप्रैल को सहारनपुर में हिंसा की चिंगारी सुलगी थी। आज एक महीने से ज्यादा हो गया सहारनपुर में हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही है। 20 अप्रैल को सड़क दूधली में दो समुदायों के बीच हिंसा हुई। 5 अप्रैल को शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप की शोभायात्रा के दौरान फिर हिंसा भड़की।
इसमें राजपूत समुदाय के एक व्यक्ति की मौत हा गई, जबकि दलितों के घर जला दिए गए। 9 मई को दलितों को मुआवजे की मांग को लेकर सहारपुर में भीम आर्मी ने पंचायत बुलाई तो प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। इसको लेकर भीम आर्मी और पुलिस के बीच टकराव हुआ। आगजनी हुई। 23 मई को शब्बीरपुर के निकट चंद्रपुर गांव में एक दलित की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके अलावा अभी तक कईं लोग घायल हैं, जिनमें कुछेक की हालत गंभीर बनी हुई है।
सहारनपुर में हिंस गांव दर गांव फैलती जा रही है। योगी सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। 24 मई को राज्य सरकार ने सहारनपुर के डीएम और एसएसपी को हटाकर जैसे अपना कर्तव्य पूरा कर लिया है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हो अभी तक सहारनपुर जाने की फुर्सत नहीं मिली है। प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी भी अभी सहारनपुर हिंसा चुप हैं।
सहारनपुर में पुलिस और प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई को लेकर भी आरोप लग रहे हैं। पीड़ितों को न्याया का इंतजार है। हालत इतने खराब है कि सहारनपुर मेें धारा 144 लागाने के साथ ही सोशल मीडिया पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मंगलवार देर रात इग्लैंड के मैनचेस्टर में एक आत्मघाती हमले में कईं लोग मारे गए। प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी निंदा की। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर कई लोग पूछ रहे हैं कि मैनचेस्टर हमले की निंदा तो ठीक है, लेकिन सहारनपुर पर प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों हैं?
फेसबुक यूजर प्रेरणा बक्शी ने पीएम के एक ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा है- फाइंड सम टाइम टू कंडम होमग्रॉन अटैक्स टू। इन्होंन अपनी पोस्ट में सहारपुर और झारखंड को टैग किया है।
इसी तरह फैसबुक पर ही अमित श्रीवास्त ने एक पोस्ट लिखकर पूछा है कि मैनचेस्टर हमले की निंदा करने वाले प्रधानमंत्री सहारनपुर पर मौन क्यों हैं।