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12 August 2017

यूपी सरकार ने माना "बरती गई लापरवाही", मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल निलंबित

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उत्तर प्रदेश सरकार ने लापरवाही बरतने के चलते गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। हालांकि, प्रिंसिपल आरके मिश्रा का कहना कि बच्चों की मौत की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया था।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने यह जानकारी दी, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट किया है। स्वास्थ्य मंत्री के इस ट्वीट और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को निलंबित करने के फैसले से स्पष्ट है कि यूपी सरकार किसी न किसी स्तर पर हुई लापरवाही की बात स्वीकर कर रही है।


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 बीआरडी मेडिकल कॉलेज का दौरा करने के बाद सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने प्रेस कॉन्फेेंस कर कहा कि इस अस्पताल में गोरखपुर के अलावा बिहार और नेपाल से भी मरीज आते हैं, जिनमें से कई आखिरी नाजुक हालत में होते हैं। हर साल अगस्त में यहां बड़ी संख्या में बच्चों की मौतें होती हैं। अगस्त 2014 में यहां 567, अगस्त 2015 में 668 और 2016 में 587 मौतें हुई थीं। यानी रोजाना मौतों का आंकड़ा क्रमश: 18 से 21 के बीच रहा है। फिर भी एक दिन में 23 बच्चों की मौत गंभीर मामला है और लापरवाही करने वालाेें के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत पर राजनीति नहीं ठीक नहीं है। 

सिद्धार्थनाथ सिंह के मुताबिक, गत 9 अगस्‍त को जब मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज का दौरा किया था तब किसी ने भी मुख्‍यमंत्री को ऑक्‍सीजन की कमी की जानकारी नहीं दी। सिद्धार्थनाथ सिंह नेे दावा किया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई सिर्फ दो घंटे के लिए कम हुई थी, लेकिन इस कारण किसी बच्चेे की मौत नहीं हुई। इस दौरान गैस सिलेंडर से सप्लाई जारी रखी गई। 

10 अगस्त को दी थी ऑक्सीजन की कमी की जानकारी 

दरअसल, बकाया भुगतान न मिलने पर ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी ने बीआरडी अस्पताल में आपूर्ति रोक दी थी। लेकिन राज्य सरकार और अस्पताल प्रशासन ऑक्सीजन की कमी को बच्चों की मौत की वजह मानने को तैयार नहीं हैं। जबकि अस्पताल के पाइप लाइन ऑपरेटरों ने 10 अगस्त को ही ऑक्सीजन की कमी से अस्पताल प्रशासन को अवगत करा दिया था। गोरखपुर न्यूजलाइन डॉट कॉम पोर्टल ने 10 अगस्त को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन संकट की खबर छापी थी। इसी दिन यानी गुरुवार को अस्पताल में 23 बच्चों की मौत हुई। एक अगस्त को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड 63 लाख रुपये का बकाया भुगतान न होने पर आपूर्ति जारी रखने में असमर्थता जताई थी। 

 

 

 

अस्पताल के आला अधिकारियों को लिखे पत्र में पाइप लाइन विभाग के ऑपरेटरों ने कहा था कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी ने पिछला भुगतान न होने का हवाला देते हुए लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति करने से मना है। तत्काल ऑक्सीजन की व्यवस्था न होने पर समस्त वार्डों में भर्ती मरीजों की जान का खतरा है। उधर, ऑक्‍सीजन सिलिंडर पहुंचाने वाली कंपनी पुष्‍पा सेल्‍स प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर पर पिछले रात से छापेमारी हुई है। इस कंपनी के मालिक मनीष भंडारी फरार बताए जा रहे  हैंं। 

योगी सरकार को घेरने में जुटा विपक्ष

इस बीच, मामले पर सियासत गरमा गई है। विपक्षी दल इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने में जुटे हैं। बच्चों की मौत पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल खड़े हो रहे थे।


मुख्यमंत्री योगी ने शनिवार को इस मामले में कई ट्वीट किए




 

 

 

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OUTLOOK 12 August, 2017
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