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17 June 2017

कार्यकाल खत्म होने से एक माहिने पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया दो दया याचिकाओं का निपटारा

इन दोनों याचिकाओं को राष्ट्रपति ने मई के अंतिम सप्‍ताह में खारिज किया था। पहली याचिका 2012 में इंदौर में एक चार वर्षीय लड़की के साथ रेप व मर्डर का थी जिसमें तीन अपराधी हैं। दूसरी याचिका एक कैब चालक और उसके सहयोगी द्वारा पुणे में एक आइटी प्रोफेशनल के साथ गैंगरेप और मर्डर की थी। इन दोनों याचिकाओं को अप्रैल और मई में राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। इंदौर वाले केस में तीनों आरोपियों बाबू उर्फ केतन (अपराध के वक्‍त 22 वर्ष), जितेंद्र उर्फ जीतू (20) व देवेंद्र उर्फ सनी (22) को चार वर्ष की बच्‍ची के अपहरण, दुष्‍कर्म और हत्‍या मामले में दोषी पाया गया। इसके अलावा पुणे के केस में 2007 में 22 वर्षीय विप्रो कर्मचारी के साथ गैंगरेप और हत्‍या के दोषी दो लोगों पुरुषोत्‍तम दशरथ बोराटे व प्रदीप यशवंत कोकाडे को मृत्‍युदंड दिया गया था।गौरतलब है कि राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा खारिज की गयी दया याचिकाओं में 26/11 मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब, 2001 संसद हमले का दोषी अफजल गुरु और 1993 मुंबई आतंकी हमले के दोषी याकूब मेनन के मामले शामिल हैं। राष्ट्रपति के लिए दया याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए कोई निश्‍चित समय नहीं होता है। प्रणव मुखर्जी से पहले राष्ट्रपति रहीं श्रीमति प्रतिभा पाटिल ने किसी भी दया याचिका पर निर्णय लिए बिना ही पद छोड़ दिया था।

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TAGS: one month Before, the end of the tenure, President Pranab Mukherjee, cleared, two mercy petitions, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, दो दया याचिकाओं, निपटारा
OUTLOOK 17 June, 2017
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