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15 June 2021

गलवान का एक साल: अब क्या है सीमा पर हाल, प्रतिकूल हालात से निपटने के लिए भारत कितना तैयार?

पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में खूनी हिंसा के एक साल पूरे हो गए हैं। इतने लम्बे वक़्त बाद भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। दोनों ओर से सैन्य ताकत में बढ़ोतरी जारी है। खबर आती रही है कि पूर्वी लद्दाख में चीन लगातार क्षमता बढ़ा रहा है। हालांकि, मौके पर किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए भारतीय पक्ष भी तैयार है।

गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प के एक साल बाद दोनों पक्षों के बीच विश्वास बहाल नहीं होने के बावजूद भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है।

रक्षा प्रतिष्ठान से जुड़े लोगों के मुताबिक गलवान घाटी प्रकरण ने भारतीय सुरक्षा क्षेत्र के योजनाकारों को चीन से निपटने में देश का रुख तय करने के साथ ही छोटी अवधि में और दूरगामी खतरे का आकलन करते हुए रणनीति तैयार करने में सहायता मिली।

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बता दें कि पिछले लगभग पांच दशकों में सीमाई क्षेत्र में सबसे घातक झड़प में पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में भारत के 20 सैनिकों की मौत हो गयी जिसके बाद दोनों सेनाओं ने टकराव वाले कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर जवानों और हथियार सहित साजो-सामान की तैनाती कर दी।

जबकि इस साल फरवरी में चीन ने आधिकारिक तौर पर माना किया कि भारतीय सैन्यकर्मियों के साथ झड़प में 5 चीनी सैन्य अधिकारी और जवान मारे गए थे, हालांकि माना जाता है कि चीनी पक्ष में मृतकों की तादाद इससे अधिक थी।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सैन्य रूप से हम इस बार बेहतर तरीके से तैयार हैं। गलवान घाटी की झड़प के बाद हमें उत्तरी सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अपने दृष्टिकोण को प्राथमिकता में रखने का मौका मिला।’’ यह पता चला है कि चीन ने भी ऊंचाई वाले क्षेत्र के कई इलाकों में अपनी उपस्थिति बढ़ा ली है।

सूत्रों ने कहा कि झड़प के बाद सेना के तीनों अंगों के बीच तालमेल और एकजुटता भी बढ़ी है। उन्होंने एलएसी पर समग्र चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना के एकीकृत रुख का भी हवाला दिया। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘इस झड़प के बाद थल सेना और वायु सेना के बीच तालमेल और बेहतर हो गया।’’

सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच अब भी विश्वास बहाल नहीं हो पाया है और भारत पूर्वी लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में एलएसी के पास किसी भी हालात से निपटने को तैयार है। सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई दौर की बातचीत के बाद दोनों सेनाओं ने फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तट से सैनिकों और हथियारों को हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली। तनाव की बाकी जगहों से भी सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पर बातचीत चल रही है।

 

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TAGS: Eastern Ladakh, पूर्वी लद्दाख, गलवान घाटी, पैंगोंग झील, भारत चीन तनाव, भारत, चीन, एलएसी, Galwan Valley, Pangong Lake, India China Tension, India, China, LAC
OUTLOOK 15 June, 2021
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