केवल बजट से स्वच्छ भारत को हासिल नहीं किया जा सकता : पीएम मोदी
सड़कों एवं अन्य स्थानों पर कचरे की तस्वीरें जारी करके उनके द्वारा शुरू किये गए स्वच्छ भारत अभियान के विफल होने का दावा करने वालों पर चुटकी लेते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात से संतोष है कि कम से कम साफ सफाई के बारे में लोगों में अब जागरूकता तो पैदा हुई है। स्वच्छ भारत अभियान के दो वर्ष पूरा होने पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्राी ने कहा, स्वच्छता अभियान के बाद मुझसे सड़कों पर फैले कचरे के बारे में अक्सर सवाल पूछे जाते थे। लेकिन मुझे इससे कोई समस्या नहीं है क्याेंकि कम से कम अपने आसपास साफ सफाई के बारे में लोगों की जागरूकता स्वागत योग्य संकेत है।
स्वच्छता की तुलना देवत्व से करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धार्मिक स्थलों पर कचरे को कम्पोस्ट में बदला जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि लोग जहां कचरे के ढेर को नापसंद करते हैं, वहीं उन्होंने साफ सफाई को अपनी आदत नहीं बनाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता का मुद्दा राजनीतिकों के लिए आसान काम नहीं है।
उन्होंने कहा, हर दूसरे साल देश के किसी न किसी हिस्से में चुनाव होते हैं। राजनीतिक नेता और राजनीतिक पार्टी जो अगले चुनाव की तैयारी में लगे होते हैं, उनके लिए स्वच्छता के मुद्दे को लेना काफी साहस की बात होती है क्योंकि कचरे के ढेर का कोई भी चित्र उनके लिए समस्या पैदा कर सकता है। मोदी ने कहा कि कचरे को पुनर्चक्रण के जरिये धन और रोजगार पैदा करने का माध्यम बनाया जा सकता है। तब स्वच्छता इस तरह से बाईप्रोडक्ट बन जायेगा। उन्होंने कहा कि यह विरोधाभास है कि लोगों को कचरे का ढेर पसंद नहीं है लेकिन वे स्वच्छता को अपनी आदत नहीं बना पाये हैं। एेसी आदत बनाना जरूरी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार समाज कचरे को धन के रूप में परिवर्तित करना सीख लेगा तब स्वच्छता बाईप्रोडक्ट बन जायेगा। उन्होंने कहा कि बच्चे साफ सफाई के बारे में ज्यादा सजग हो रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि स्वच्छ भारत अभियान लोगों केे जीवन को छू रहा है। उन्होंने कहा कि शहरों के बीच भी साफ सफाई और अपने शहरों को साफ रखने के लिए प्रतिस्पर्धा हो रही है।
मीडिया की सकारात्मक भूमिका की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कभी कोई योजना पेेश करें तो मीडिया आमतौर पर पहले पहल उसे संदेह की नजर से देखता है। लेकिन स्वच्छ भारत अभियान का मुझसे भी अधिक प्रचार मीडिया ने किया। इस मामले में संदेश फैलाने के संदर्भ में मीडिया की भूमिका सराहनीय रही है।
प्रधानमंत्राी ने इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छता कोई एेसी चीज नहीं है जो केवल बजटीय आवंटन से हासिल की जा सके। यह एेसी चीज है जो जन आंदोलन के जरिये हकीकत बन सकती है। भाषा एजेंसी