"जनता लाश बन रही और ये इवेंट कर रहें...", सोशल मीडिया पर पीएम मोदी-शाह के खिलाफ कैसे निकल रहा है लोगों का गुस्सा
कोरोना की दूसरी लहर से देश बदहाल हो चला है। राज्यों की बदइंतजामी से लोग बेहाल हैं। कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल-दर-अस्पताल भटकने को मजबूर हैं। राज्यों में दवाएं, बेड्स और ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। वहीं, दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में चुनाव हो रहे हैं। तीन चरणों का चुनाव अभी बाकी है। इसके मद्देनजर नेताओं की रैलियां, रोड-शो और जनसभाएं भीड़ को आमंत्रित दे रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को ऐलान किया कि वो कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रैलियां नहीं करेंगे। सभी आयोजित होने वाली रैलियों को राहुल गांधी ने रद्द कर दिया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह रैली-दर-रैली और रोड-शो कर रहे हैं। ऐसे में लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर उमड़ रहा है। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि ये कौन सा प्रोटोकॉल है। क्या नेताओं पर नियम लागू नहीं होते। जो पीएम सुबह में सोशल डिस्टेंस बरतने की अपील करते हैं। कुंभ को प्रतीकात्मक होने की बात कहते हैं वही, पीएम शाम में बंगाल की रैलियों में भीड़ देख खुशियों का इजहार करते हैं।
17 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी ने सुबह में उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेला को कोरोना के विकराल रूप को देखते हुए प्रतीकात्मक रखने की अपील की। उसी दिन दोपहर बाद पीएम मोदी की बंगाल में चुनावी रैली थी। इसमें पीएम मोदी ने आसनसोल की रैली को संबोधित करते हुए कहा, “मैं दो बार यहां आया था। बाबुल सुप्रियो के लिए वोट मांगने आया था। पहले एक चौथाई लोग भी नहीं थे सभा में। आज ऐसा पहली बार देख रहा हूं। बताइए, मेरी शिकायत मीठी है या कड़वी। आज आपने ऐसी ताकत दिखाई की लोक ही लोग दिखते हैं। क्या कमाल कर दिया आप लोगों ने।“
इसके बाद से लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर तैरने लगा। आम से लेकर खास, हर कोई मोदी के खिलाफ ट्वीट और पोस्ट करने लगा। यहां तक की पीएम मोदी के फेसबुक पोस्ट पर उनके पोस्ट के कॉमेन्ट्स में लोगों का गुस्सा दिख रहा है। आलम ये है कि गंगारामपुर में पीएम मोदी ने 17 अप्रैल को चुनावी सभा को संबोधित किया। फेसबुक पर करीब आठ हजार लोगों ने गुस्सा जाहिर किया।
फेसबुक यूजर दिपांकर पटेल ने तो पीएम मोदी को इवेंट मैनेजमेंट करार दे दिया। उन्होंने पीएम मोदी और अमित शाह को लेकर दो पोस्टर शेयर किए। जिसमें पीएम मोदी और शाह के आगामी चुनावी रैलियों के बारे में जानकारी और मुस्कुराते हुए चेहरा चस्पा है। उन्होंने अमित शाह का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा, "पता है कि जब ये बीमार होंगे इनके लिए एम्स में एक वेंटीलेटर की व्यवस्था हो जाएगी, शायद इसी कान्फिडेंस से देश भर को श्मशान बनता देखकर भी इनका चुनावी अभियान नहीं रुक रहा है। जनता लाश बन रही है, इनके इवेंट चल रहे हैं।"
इससे पहले एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, "महामारी के इस भीषण दौर में आज 17 अप्रैल 2021 को प्रधानमंत्री मोदी की 2 चुनावी रैलियां हैं, गृहमंत्री अमित शाह की 2 चुनावी रैली और एक रोड शो है।जब देश के तकरीबन हर बड़े शमशान घाट के आगे लाश जलाने के लिए वेटिंग लिस्ट है। जिन पर देश ने जिम्मेदारी दी थी वो चुनाव प्रचार का मोह नहीं छोड़ पा रहे। इवेंट पर इवेंट चल रहा है। जिन्होंने इन दोनों को वोट किया होगा उनमें से हजारों ऐसे होंगे जिन्हें ना तो जिंदा रहते वेंटीलेटर मिला ना मरने पर लाश सड़ने से पहले चिता की अग्नि मिल रही है। ये ना तो देश के प्रति जवाबदेही हैं ना ही अपने वोटर के प्रति...।"
कॉमेन्ट्स में लोगों ने पीएम मोदी के खिलाफ जमकर लिखा। पार्थ शर्मा नाम के एक यूजर ने लिखा, "ना मास्क ना दो गज दूरी केवल चुनाव और सत्ता है ज़रूरी। देश को ज्ञान देने वाले अदरणीय प्रधानमंत्री जी खुद चुनावी रैलियों में कोरोना प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ा रहे है । वाह क्या पीएम है!"
इसी तरह के एक अन्य यूजर ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के भीड़ की तारीफ करने वाले वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, पीएम हो तो ऐसा। वहीं, दूसरे एक यूजर ने लिखा, ये भारत के प्रधानमंत्री हैं।
शूटर दादी के नाम से जानी जाने वाली दादी चंद्रो तोमर ने पीएम मोदी पर तंज मारते हुए एक ट्वीट करते हुए लिखा, "आज सुबह मैंने भाषण दिया के भीड़ मत करो और शाम को ख़ुद रैली में ख़ूब भीड़ करी । सबका पागल बना के अच्छा लग रहा है ।"
दरअसल, जब देश के कई हिस्सों से भयावह तस्वीरें, अस्पताल से लेकर शमसान घाट तक की आ रही है। उस बीच पीएम मोदी , अमित शाह लगातार चुनावी रैलियां और रोड शो कर रहे हैं। अब तो आलम ये है कि अमित शाह ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि चुनाव और कोरोना का कोई संबंध नहीं है। जहां चुनाव नहीं हैं वहां अधिक मामले सामने आ रहे हैं।