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02 September 2016

नेताजी सुभाष पर खुले अंतिम दस्तावेज। आलोक मेहता

नेताजी के कुछ परिजनों के साथ लाखों लोग प्रमाण के अभाव में यहां तक मानते रहे कि नेताजी लंबे अर्से तक साधु वेश में सक्रिय रहे। अब ब्रिटेन में जापान सरकार द्वारा 60 वर्षों से गोपनीय रखा गया रिकॉर्ड सामने आ गया है। जापान सरकार के प्रमाणिक सात पृष्ठीय दस्तावेज से इस बात की पुष्टि हुई है कि 18 अगस्त, 1945 को विमान उड़ान भरने के तत्काल बाद दुर्घटनाग्रस्त होकर नीचे गिर गया। नेताजी को गंभीर घायल अवस्था में दोपहर तीन बजे ताइवान के अस्पताल ले जाया गया, जहां करीब सात बजे उनकी मृत्यु हो गई।

दस्तावेज के अनुसार 22 अगस्त को नेताजी का अंतिम संस्कार ताइपेई म्युनिसिपल कब्रगाह में किया गया। रिपोर्ट में अस्पताल में उनके सात बजे तक होश में रहने और उनके साथ के सैन्य सर्जन डॉ. तसरुता, कर्नल हबीबुर रहमान और दुभाषिए के नाम भी बताए गए हैं। हवाई अड्डे के रेखाचित्र एवं पूरी मेडिकल सैन्य रिपोर्ट जनवरी, 1956 में ही टोक्यो स्थित भारतीय दूतावास को सौंप दी गई थी। जापानी भाषा वाली सात पृष्ठ  की रिपोर्ट का अंग्रेजी अनुवाद 10 पृष्ठों में था। लेकिन जापान और भारत सरकार ने ये दस्तावेज अति गोपनीय श्रेणी में रखवा दिए। यों नेहरू-इंदिरा सरकारों ने नेताजी के परिजनों एवं देशवासियों को ध्यान में रखकर नेताजी की विमान दुर्घटना में मृत्यु के संबंध में जांच आयोग समिति का गठन भी किया। दुर्भाग्य यह है कि नेताजी-नेहरू के संबंधों को लेकर विवाद अफवाहों की तरह बढ़ाए जाते रहे। गांधी-नेहरू, नेताजी-पटेल के स्वतंत्रता का लक्ष्य समान था लेकिन कांग्रेस में आजादी पाने के तरीकों को लेकर मतभेद रहे एवं नेताजी ने देश के बाहर जाकर आजाद हिंद फौज की स्थापना कर दी। यह बहुत साहसिक काम था और स्वाभाविक है ब्रिटिश सरकार उनके अभियान से भी हिली हुई थी। इसलिए अंतिम दिन उनके विमान को षडयंत्रपूर्वक खराब किए जाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। लेकिन भारत ही नहीं संपूर्ण दुनिया में नेताजी सुभाषचंद्र बोस का नाम अमर रहेगा।

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TAGS: alok mehta, subhash chandra bose, आलोक मेहता, सुभाषचंद्र बोस
OUTLOOK 02 September, 2016
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