सीएए के विरोध में महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर मानव श्रंखला बनाने की तैयारी
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों को बिना थके लंबे अरसे तक जारी रखने की तैयारी की जा रही है। इसी क्रम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर 30 जनवरी को दिल्ली और देश भर के दूसरे शहरों में ‘हम भारत के लोग’ बैनर तले भारत माला (मानव श्रंखला) बनाने की घोषणा की गई है। विरोध आयोजनों के लिए बनी राष्ट्रीय संयोजन समिति के सदस्य योगेंद्र यादव ने बताया है कि मानव श्रंखला दिल्ली में राजघाट और इसके आसपास बनाई जाएगी और 30 जनवरी की शाम को ठीक 5.17 बजे यह कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ समाप्त होगा। गांधीजी ने 30 जनवरी 5.17 बजे पर ही शहादत दी थी।
‘हम भारत के लोग’ से 100 से ज्यादा संगठन जुड़े
यादव ने यहां संवाददाताओं को बताया कि हम भारत के लोग एक बैनर का नाम है जिसके तहत 100 से ज्यादा संगठन सीएए-एनपीआर-एनआरसी के विरोध में मानव श्रंखला सहित तमाम कार्यक्रमों से जुड़ रहे हैं। इस बैनर से राजमोहन गांधी, महादेव विद्रोही, मेधा पाटकर, जीजी. पारिख, हर्ष मंदर, प्रशांत भूषण, एस. वाई कुरैशी, वजाहत हबीबुल्लाह सहित कई बड़ी हस्तियां जुड़ी हैं। इस बैनर के तहत जनवरी के शुरू से ही अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। पूरे देश में विरोध कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बैनर के तहत राज्य स्तर पर सामाजिक कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है।
शहादत के समय पर राष्ट्रगान करके गांधी को याद करेंगे
दिल्ली में मानव श्रंखला के बारे में हम भारत के लोग बैनर से जुड़े संगठन जन एकता, जन अधिकार आंदोलन के दिनेश अबरोल और आरटीआइ कार्यकर्ता अंजिल भारद्वाज ने कहा बताया कि राजघाट के अलावा शांति वन, हनुमान मंदिर, लाल किला (कोड़िया पुल), जामा मस्जिद, गोलचा और दिल्ली गेट सहित दस स्थानों पर मानव श्रंखला बनाई जाएगी। इन सभी स्थानों से होते हुए करीब चार किलोमीटर लंबी मानव श्रंखला बनाई जाएगी। यह कार्यक्रम 30 जनवरी को शाम 3.30 बजे शुरू होगा और 5.17 बजे राष्ट्रगान के साथ समाप्त होगा। सीएए का विरोध कर रहे लोग दिल्ली में दूसरे स्थानों पर भी इसी तरह की मानव श्रंखला बनाएंगे।
देश भर में मानव श्रंखला से समाज को जोड़ने का प्रयास
यादव ने बताया कि पिछले दिनों हम भारत लोग बैनर के तहत मुंबई में बैठक करके कार्यक्रमों पर चर्चा हुई थी। इसके अनुसार दिल्ली के अलावा मुंबई और देश के दूसरे शहरों और कस्बों में मानव श्रंखला बनाई जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर वे मानव श्रंखला में हिस्सा लेने के लिए कहीं दूर नहीं जा सकते हैं तो वे अपने क्षेत्र, मोहल्ला में भी मानव श्रंखला बनाकर विरोध कर सकते हैं। इस कार्यक्रम में नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो, हमारा भारत, हमारा हक, संविधान बचाओ, देश बचाओ जैसे नारों के जरिये समाज को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
श्रमिक इंजन ऑफ करके एकजुटता दिखाएंगे
अबरोल ने बताया कि श्रम संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता, मजदूर और आम लोग 30 जनवरी को शाम 5.17 बजे इंजन ऑफ करके एकजुटता का प्रदर्शन करेंगे। मजदूर और श्रमिक 5.17 बजे इंजन ऑफ महात्मा गांधी की शहादत को याद करते हुए सीएए के खिलाफ अपना मत प्रदर्शित करेंगे। श्रमिक फैक्ट्रियों के बाहर निकलकर गेट पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
संवैधानिक सिद्धांतों की याद दिलाने वाला अनूठा आंदोलन
सीएए के खिलाफ देश भर में चल रहे आंदोलन और प्रदर्शनों पर यादव ने कहा कि यह आंदोलन में इस लिहाज से अभूतपूर्व है कि यह स्वतःस्फूर्त है और इसकी कोई संगठन अगुआई नहीं कर रहा है, बल्कि युवा, छात्र, महिलाएं खुद ही आगे आ रहे हैं। जन लोकपाल के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि आज लोग संविधान के सिद्धांतों को याद करके सड़कों पर उतर रहे हैं। सरकार को याद दिला रहे हैं कि संविधान विभाजनकारी नीतियों से दूर रहने के लिए कहता है। यादव ने कहा कि इस संदर्भ में यह आंदोलन अन्ना आंदोलन से भी कहीं ज्यादा व्यापक और महत्वपूर्ण है।
शाहीन बाग में पुलिस पर महिलाओं को धमकाने का आरोप
सीएए के विरोध में शाहीन बाग और इस तरह के दूसरे धरने और विरोध प्रदर्शन पर यादव ने कहा कि ये आंदोलन महिलाओं और युवाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं। ये धरने पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे हैं। समय-समय पर पुलिस सरकार के इशारे पर आंदोलनकारियों को धमका रही है और परेशान कर रही है। शाहीन बाग के धरने से जुड़े खालिद सैफ ने कहा कि पुलिस अधिकारी रात को दो बजे धरना स्थल पर पहुंचकर बिजली बंद कर देते है और आंदोलनकारियों को धमकाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने उन्हें भी रात को दो बजे बुलाकर धरना खत्म कराने का दबाव डाला।