बकरीद: यूपी के संभल में गाय, भैंस, ऊंट, बैल की कुर्बानी हुई ताे लगेगा गैंगस्टर एक्ट
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बकरीद के मौके पर प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी को रोकने के लिए जिला प्रशासन सतर्क है और लोगों को हिदायत देते हुए कहा गया है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पीटीआई के मुताबिक, संभल प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि बकरीद के मौके पर गाय, भैंस, ऊंट या बैल की कुर्बानी देने वालों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा।
एसडीएम राशिद खान ने कहा है कि संभल तहसील के तहत सभी थानों को एलर्ट कर कहा गया है कि बकरीद के मौके पर अगर कोई बकरीद पर गाय, भैंस, ऊंट या बैल की कुर्बानी देता है तो उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा। उन्होंने कहा है कि इस तरह की कुर्बानी देने वालों की चल अचल संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी. थाना प्रभारियों से कहा गया है कि इन जानवरों की कुर्बानी देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
If cow, buffalo, bull or camel are sacrificed b/w Sept 2-4,then action will be taken against those involved under Gangster Act: SDM, Sambhal pic.twitter.com/QTPBPbrPX6
— ANI UP (@ANINewsUP) September 2, 2017
खान ने कहा है कि थाना प्रभारियों से अपने-अपने इलाकों का व्यापक दौरा कर यह देखने को कहा गया है कि दो सितंबर से चार सितंबर तक ऐसी कोई घटना ना होने पाये, जिसमें गाय, भैंस, उंट या बैल की कुर्बानी दी जाए।
इससे पहले जिला प्रशासन और पुलिस ने बकरीद के मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। शनिवार को ईद की नमाज के लिए जिले को 40 सेक्टरों में बांटा गया है। सभी जगह दंगा नियंत्रण फोर्स के साथ-साथ भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है।
किसी भी तरह कि कोई अप्रिय घटना न हो सके लिए पुलिस ने पुरे जिले में चौकसी बढ़ा दी है। सभी सेक्टरों में एक्शन मोबाइल की टीम तैनात है। दो कंपनी पीएसी भी लगाई गई है। प्रतिबंधित पशुओं की कटान रोकने के लिए भी चौकसी बरती जा रही है।
यूपी पुलिस ने जून में ही चेतावनी दी थी कि गोवध और दुधारू पशुओं के अवैध परिवहन में लिप्त लोगों के खिलाफ रासुका और गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा। एनएसए के तहत सरकार किसी व्यक्ति को जब तक चाहे, हिरासत में रख सकती है और हिरासत की वजह का खुलासा करने की भी आवश्यकता नहीं होती है।
गैंगस्टर एक्ट के तहत अगर किसी के खिलाफ कार्रवाई होती है तो पुलिस को पूछताछ के लिए उस व्यक्ति को थाने पर उपस्थित होने का समन देने का अधिकार होता है। यह कानून पुलिस को आरोपी की 60 दिन की रिमांड का अधिकार भी देता है जबकि सामान्य हालात में 14 दिन की ही रिमांड होती है।