पूर्व भाजपा मंत्रियों का आरोप, राफेल पर प्रधानमंत्री ने किया राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व नेताओं यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रक्षा खरीद प्रक्रिया के उल्लंघन का आरोप लगाया है। एडवोकेट और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने यह आरोप हाई-प्रोफाइल राफेल समझौते को लेकर लगाया। शौरी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया है। उन्होंने एकतरफा फैसले लेकर लड़ाकू विमानों की संख्या 126 से 36 करके रक्षा खरीद के हर नियमों का उल्लंघन किया है। रक्षा खरीद प्रक्रिया के तहत सिर्फ सर्विस हेडक्वार्टर ही विमानों की संख्या के बारे में फैसला कर सकता है।”
शौरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने महज दो दिनों में ही इस प्रक्रिया को पूरी तरह पलट दिया, जबकि उनके पास इसका कोई अधिकार नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में प्रधानमंत्री की भागीदारी को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने झूठ का जाल बुना है।
प्रशांत भूषण ने भी यही आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार राफेल फाइटर जेल की खरीद का बचाव करने के लिए वायु सेना के अधिकारियों को भी मजबूर कर रही है। उन्होंने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की जगह रिलायंस डिफेंस को एयरक्राप्ट की मैन्युफैक्चरिंग के लिए चुनने पर भी सवाल उठाया, जबकि रिलायंस डिफेंस के पास इसका अनुभव भी नहीं है।
शुरू में 2012 में यूपीए के कार्यकाल में भारत ने फ्रांस से बने-बनाए 18 जेट खरीदने की योजना बनाई थी, जबकि 108 को सरकारी कंपनी और एचएएल से देश में ही असेंबल करना था।
भाजपा की अगुआई वाली एनडीए सरकार ने 2015 में यूपीए की योजना को रद्द कर दिया और तकनीक ट्रांसफर की जगह 36 “रेडी टु फ्लाई” राफेल जेट खरीदने की घोषणा की।