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12 December 2015

प्रदूषण रेड अलर्ट के करीब दिल्ली

गूगल

 

बीजिंग जैसा ही है दिल्ली का प्रदूषण

एक आंकड़े के अनुसार इस वक्त दिल्ली की सडक़ों पर 80 लाख पंजीकृत कारें हैं, 1500 रोज पंजीकृत हो रही हैं। रोजाना बाहर से 80,000 ट्रक आते हैं। गौरतलब है कि विदेशों में स्मॉग के वञ्चत सडक़ों पर ट्रैफिक बडऩे और वायु प्रदूषण की हालत में सम-विषम संख्या से अंत होने वाली नंबर प्लेट आधारित कारें एक दिन छोड़-छोड़ कर चलाने  वाला फार्मुला अपनाया जाता है। पिछले वर्ष पैरिस और उत्तरी फ्रांस में ऐसा हो चुका है। मनीला, स्पेन और फिलिपींस में यह व्यवस्था स्थायी तौर पर है। इस बारे में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के वायु प्रदूषण नियंत्रण के संयोजक विवेक चट्टोपध्याय का कहना है, दिल्ली सरकार का सम-विषम फार्मूला तकनीकी तौर पर सही है। बीजिंग में प्रदूषण के मद्देनजर रेड अलर्ट घोषित हो चुका है जबकि हम भी रेड अलर्ट पर ही हैं। बस हर देश में इसके मानक अलग हैं।

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खतरे की घंटी पर इंडेक्स

अप्रैल-2015 को वायु की गुणवत्ता जांचने के लिए जारी नया इंडेक्स (प्रदूषण सूचकांक) इस समय 350 है जबकि 400-500 के बीच यह सबसे अधिक खतरनाक होता है। चटोपध्याय के अनुसार हम खतरनाक स्थिति के बहुत करीब हैं। ऐसा हुआ तो बहुत कुछ बंद करना पड़ सकता है। यह इंडेक्स 50 से कम होना चाहिए। इसमें पार्टिक्युलेटेड मैटर, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, ओजोन, कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसे हैं। चट्टोपध्याय का कहना है कि वायु प्रदूषण में वाहनों का 45 से 60 फीसदी योगदान रहता है। दिल्ली में सड़कों पर कारें प्रदूषण की बड़ी वजह हैं ञ्चयोंकि 1998 में उद्दोग तो शहर से बाहर कर दिए गए थे। दिल्ली की हवा में प्रदूषण के छोटे कण 2.5 पीएम है। चट्टोपध्याय बताते हैं कि हमारे बालों की परिधि 60 डायामीटर होती है और ये कण हमारे बालों से 24 गुणा छोटे हैं। यह कण सांस और दिल के रोगियों को और बीमार कर रहे हैं और स्वस्थ लोगों को बीमार कर रहे हैं।

 

विदेशों में सख्त नियम

अगर हम विदेशों की बात करें तो वहां केवल कारों का सम और विषम फार्मूला ही लागू नहीं है बल्कि सिंगापुर में गाड़ी का परमिट गाड़ी से ज्यादा मंहगा है। शंघाई में गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन ही रोक दिया जाता है। वहां गाड़ी लॉटरी से निकलती है। वहां पार्किग इतनी मंहगी है कि लोग कार से कहीं जाना ही नहीं चाहते हैं। चीन में 2013 में डीजल कारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। स्वराज अभियान के राज्य संयोजक राजीव गोदारा का कहना है कि इसके लिए सार्वजनिक परिवहन दुरुस्त करना होगा। पैदल और साइकल चलाने वाले रास्त बनाने होंगे। निर्माण कार्य और ईंट भट्ठे शहर से दूर करने होंगे। खेतों में फूस जलाना बंद करना होगा। हरियाली करनी होगी। केवल कार फार्मूला ही एक रास्ता नहीं है।

 

हालांकि दिल्ली सरकार का कहना है कि वह सिर्फ कारों की योजना ही लागू हीं कर रही है, उसके प्रदूषण मुक्ति एजेंडा में अन्य एजेंडा में अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रम भी हैं।         

-    प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार की कार्य योजना

 

-    डीजल कारों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लग गई है।

 

-    राजघाट और बदरपुर थर्मल पॉवर प्लांट बंद किया जाएगा।

 

-    राज्य में एक दिन सम संक्चया वाले वाहन और दूसरे दिन विषम संक्चया वाले वाहन चलेंगे।

 

-    दिल्ली सरकार के अनुसार, उत्तरप्रदेश के दादरी प्लांट से भी दिल्ली में प्रदूषण होता है, उसे बंद करने के लिए नेशनल ग्रीन टिब्यूनल को अर्जी दी जाएगी।

 

-    शहर में ट्रकों के प्रवेश का समय रात नौ बजे से बढ़ाकर 11 बजे किया जाएगा। इसके पीछे तर्क है कि दिल्ली के लोग रात में दस, साढे दस बजे तक घर पहुंचते हैं। ऐसे में ट्रक के सडक़ों पर आ जाने के कारण जाम लग जाता है। अगर ट्रकों के प्रवेश का समय बढ़ा दिया जाएगा, तो  ट्रैफिक जाम कम रहेगा और प्रदूषण भी कम होगा।

 

-    दिल्ली से बाहर के ट्रकों और वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र को सीमा पर चेक किया जाएगा। जिनके पास प्रमाणपत्र नहीं होगा उन पर कार्रवाई होगी। जो प्रमाण पत्र होने के बावजूद प्रदूषण मानक को पूरा नहीं करेंगे उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

 

-    कूड़े और पत्तों को जलाने से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगेगी। इनका फोटो एप्स के माध्यम से शेयर किया जाएगा और उसके बारे में स्थानीय निकाय को सूचित किया जाएगा।

 

-    वर्ष 2017 से दिल्ली में यूरो 6 वाहन व यूरो 6 ईंधन का ही प्रयोग किया जाएगा।

 

-    सडक़ों पर वाहनों की पार्किंग पर रोक लगेगी। इससे ट्रैफिक जाम होता है और प्रदूषण का स्तर बढ़ता है।

 

-    दिल्ली सरकार लोगों को जागरूक करने और उन्हें प्रदूषण नियंत्रण में सहभागी बनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाएगी।

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TAGS: बीजिंग, दिल्ली, वायु प्रदूषण, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट
OUTLOOK 12 December, 2015
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