सीबीआई घमासान: अधिकारियों के खिलाफ SIT जांच की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना सहित अन्य अधिकारियों की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) से जांच वाली याचिका पर सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी है। यह याचिका वरिष्ठ एडवोकेट प्रशांत भूषण ने दाखिल की थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की खंडपीठ ने कहा कि हम इस मुद्दे को देखेंगे। हालांकि, शीर्ष अदालत ने याचिका पर सुनवाई के लिए कोई निश्चित तारीख तय नहीं की।
नागेश्वर राव की नियुक्ति रद्द करने की मांग
गैर-सरकारी संगठन “कॉमन कॉज” की तरफ से पेश होने वाले भूषण ने शीर्ष अदालत से सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ उठाए गए कदम और अंतरिम डायरेक्टर के तौर पर एम नागेश्वर राव की नियुक्ति को रद्द करने की भी मांग की। शीर्ष जांच एजेंसी में चल रहे उथल-पुथल के बीच केंद्र सरकार ने वर्मा और अस्थाना के सारे अधिकार छीन लिए और उन्हें छुट्टी पर भेज दिया। दोनों अधिकारियों के बीच कई मुद्दों के लेकर विवाद चल रहा था और दोनों एक-दूसरे पर अहम मामलों की जांच में बाधा पहुंचाने का आरोप लगा रहे थे।
सीबीआई ने हाल में अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें मोईन कुरैशी मामले से जुड़े एक बिजनेसमैन से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है। अस्थाना कुरैशी मामले की जांच वाली एसआईटी की अगुआई कर रहे थे। इस उठापटक के बीच बुधवार को तत्काल प्रभाव से एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर बनाया गया।
कई अधिकारी इधर से उधर
वर्मा और अस्थाना के बीच छिड़ी इस जंग के बीच राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाने के बाद सीबीआई के 13 अधिकारियों का ट्रांसफर भी कर दिया गया। इसमें अस्थाना के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहे पुलिस उपाधीक्षक अजय कुमार बस्सी भी शामिल हैं। बस्सी को पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर किया गया है।
कांग्रेस का सरकार पर हमला
उधर, सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजे जाने को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला। पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह फैसला राफेल सौदे को लेकर शुरू होने वाली जांच में बाधा डालने के लिए लिया है। उसका कहना है कि आलोक वर्मा जल्द ही इस मामले में जांच का आदेश देने वाले थे। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर 26 अक्टूबर को देशभर में प्रदर्शन करने का फैसला किया है।