कन्हैया की पेशी में सुरक्षा बढ़ाएं - सुप्रीम कोर्ट
सोमवार को छात्र नेता की पेशी को दौरान पटियाला हाउस कोर्ट में छात्रों-शिक्षकों और कुछ पत्रकारों के साथ हुई मारपीट की घटना के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने पटियाला हाउस अदालत के कोर्ट रुम में सीमित प्रवेश का आदेश दिया जहां आज छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया को पेश किया जाना है। कोर्ट ने कहा कि कार्यवाही के दौरान अदालत कक्ष में आरोपी और अभियोजन के वकीलों को छोड़कर कोई अन्य वकील मौजूद नहीं रहेगा। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान अदालत कक्ष के भीतर केवल 5 पत्रकारों के मौजूद रहने की इजाजत दी है। वहीं अदालत ने कहा कि आरोपी की तरफ से परिवार के दो सदस्यों अगर वह मौजूद हों तो, अन्यथा जेएनयू संकाय के एक सदस्य और एक छात्र अदालत कक्ष में मौजूद रह सकते हैं। साथ ही अदालत ने 25 अन्य पत्रकारों को भी कोर्ट परिसर के अंदर मौजूद रहने की अनुमति दी है।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जे चेलामेस्वर और एएम सप्रे की पीठ ने सुनवाई के दौरान अदालत कक्ष में पुलिस वालों की संख्या सीमित करते हुए कहा कि वहां केवल 5 पुलिस वाले ही मौजूद रहेंगे। उच्चतम न्यायालय ने आरोपी को अदालत में पेश किए जाते समय उसकी पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने का दिल्ली पुलिस आयुक्त को आदेश देते हुए कहा कि कार्यवाही के दौरान कोर्टरूम में जांच अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय के महापंजीयक को मामले की सुनवाई के लिए आरोपी को पेश किए जाते समय पटियाला हाउस अदालत परिसर में मौजूद रहने के लिए कहा है। ।
अदालत में दिल्ली पुलिस ने कहा कि हमने पटियाला हाउस कोर्ट में सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस ने कहा कि कोर्ट में हुई घटना की जांच हो रही है। दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से कहा गया कि वह भी मामले की जांच कर रहा है। दो बजे जिला जज अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। याचिकाकर्ता के अलावा मामले में केटीएस तुलसी, प्रशांत भूषण भी बहस कर रहे हैं। जेएनयू के पूर्व स्टूडेंट एनडी जयप्रकाश की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि कन्हैया के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोई व्यवधान न हो यह सुनिश्चित किया जाए। याचिका में ये भी मांग की गई थी कि कोर्ट परिसर में सुरक्षा सुनिश्चित किया जाना जरूरी है ताकि कोई भी शख्स हिंसा का शिकार न हो। याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता भी फिजिकल वॉयलेंस का शिकार हुआ है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में जेएनयू स्टूडेंट, टीचर और पत्रकार सुनवाई के लिए अदालत में मौजूद थे लेकिन तभी उनके साथ कुछ लोगों ने हिंसा की।
वहीं उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और स्वराज अभियान से जु़ड़े प्रशांत भूषण ने आज आरोप लगाया कि जेएनयू छात्र संघ के गिरफ्तार अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गलत ढंग से फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि वह अदालत में उसकी पैरवी करने के लिए तैयार हैं। भूषण ने कहा, मैं कन्हैया कुमार की पैरवी करने को तैयार हूं। मैं आम तौर पर उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में व्यस्त रहता हूं, लेकिन यदि जरूरत हुई तो मैं उसकी पैरवी करूंगा क्योंकि वह एक अच्छे छात्र नेता हैं जिन्हें गलत ढंग से फंसाया गया है। भूषण और योगेंद्र यादव द्वारा बनाया गया संगठन स्वराज अभियान जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों का समर्थन कर रहा है जो देशद्रोह के आरोप में कुमार की गिरफ्तारी के मद्देनजर आंदोलन कर रहे हैं। छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को विश्वविद्यालय में उस आयोजन को लेकर गिरफ्तार किया गया है जिसमें कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए थे। उसे देशद्रोह और आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।