बिहार और केरल के हर जिले में बनेंगे स्पेशल कोर्ट, दागी नेताओं पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
दागी नेताओं पर शिकंजा कसते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और केरल के हर जिले में स्पेशल कोर्ट के गठन का निर्देश दिया है। मौजूदा और पूर्व सांसदों सांसदों तथा विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की सुनवाई जल्द से जल्द पूरा करने के लिए यह निर्देश दिया गया है। शीर्ष अदालत ने स्पेशल कोर्ट में उन मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा करने को कहा है जिन अपराधों में उम्र कैद की सजा का प्रावधान है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को ये निर्देश दिए।
चार हजार से ज्यादा मामले
देशभर में मौजूदा और पूर्व सांसदों तथा विधायकों के खिलाफ चार हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी के मुताबिक संसद और विधानसभाओं के वर्तमान और कुछ पूर्व सदस्यों के खिलाफ 4,122 आपराधिक मामले लंबित हैं। इनमें से कुछ तो तीन दशक से भी ज्यादा पुराने हैं।
शीर्ष अदालत ने राज्यों और विभिन्न हाईकोर्ट से वर्तमान और पूर्व विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की विस्तृत जानकारी मांगी थी ताकि ऐसे मामलों में जल्द सुनवाई के लिए पर्याप्त संख्या में विशेष अदालतों का गठन किया जा सके।
वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया और अधिवक्ता स्नेहा कालिता इस मामले में एमिक्स क्यूरी हैं। राज्यों और हाईकोर्ट से प्राप्त डाटा उन्होंने शीर्ष अदालत में पेश किया। इससे पता चलता है कि 264 मामलों में हाईकोर्ट ने सुनवाई पर रोक लगा रखी है। 1991 से लंबित कई मामलों में तो आरोप तक तय नहीं किए गए हैं।
आजीवन प्रतिबंध की मांग
अधिवक्ता एवं भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने जनहित याचिका में विशेष अदालतों के गठन के अलावा आपराधिक मामलों में दोषी करार दिए गए नेताओं पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग भी शीर्ष अदालत से की है।