हरिद्वार धर्म संसद: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड और दिल्ली सरकार को दिया नोटिस, केंद्र और अन्य से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा है, जिसमें हाल ही में हरिद्वार और राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित दो कार्यक्रमों के दौरान कथित रूप से अभद्र भाषा देने वालों के खिलाफ जांच और कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इसके अलावा हरिद्वार धर्म संसद में भड़काऊ भाषणों की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने पत्रकार कुर्बान अली और पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिन्होंने कथित नफरत भरे भाषणों की घटनाओं में एक एसआईटी द्वारा "स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच" के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को भविष्य में 'धर्म संसद' आयोजित करने के खिलाफ स्थानीय प्राधिकरण को प्रतिनिधित्व देने की अनुमति दी। इस मामले में अगली सुनवाई 10 दिन के बाद होगी।
इस मामलों को लेकर याचिका में इस तरह के भाषणों से निपटने के लिए शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों का अनुपालन करने की भी मांग की है।
इसमें कहा गया है कि एक कार्यक्रम हरिद्वार में यति नरसिंहानंद द्वारा और दूसरा दिल्ली में 'हिंदू युवा वाहिनी' द्वारा आयोजित किया गया था, जो कथित तौर पर एक समुदाय के "सदस्यों के नरसंहार का आह्वान" करते थे।