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27 June 2017

आधार अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सरकारी योजनाओं से जनता को वंचित नहीं रख सकती सरकार

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की महज इस आशंका के आधार पर कि आधार कार्ड नहीं होने पर सरकार लोगों को विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित कर सकती है, वे इस चरण पर आकर कोई अंतरिम आदेश नहीं दे सकते हैं।

पीठ ने 9 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए उस आदेश का हवाला दिया जिसमें आयकर अधिनियम के उस प्रावधान की वैधता को बरकरार रखा गया था जो पैन कार्ड तथा कर रिटर्न फाइल करने के लिए आधार को अनिवार्य बनाता है। हालांकि कोर्ट ने इसके क्रियान्वन पर तब तक के लिए आंशिक रोक लगा दी थी जब तक संवैधानिक पीठ निजता के अधिकार के मुद्दे को नहीं देख लेती।

पीठ ने कहा कि मामले में 9 जून को आए फैसले में पैराग्राफ 90 में की गई टिप्पणी को देखते हुए आगे और अवलोकन की आवश्यकता नहीं है। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं का लाभ उठा रहे वे लोग जिनके पास आधार नहीं है उनके लिए केंद्र ने अंतिम समय सीमा 30 जून से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है।

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वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कोर्ट से केंद्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं के लाभांवितों को आधार नहीं होने की वजह से लाभों से वंचित नहीं किया जाए। इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 7 जुलाई निर्धारित करते हुए दीवान से कहा कि सिर्फ आशंकाओं के आधार पर कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया जा सकता। इसलिए आपको एक हफ्ते का इंतजार करना होगा। यदि किसी को वंचित किया जाता है तो इसकी जानकारी आप इसी अदालत को दे सकते हैं। 


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TAGS: सुप्रीम कोर्ट, सरकारी योजना, जनता, वंचित, नहीं, सरकार, SC, refused to pass any order, Aadhaar case
OUTLOOK 27 June, 2017
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