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03 January 2016

बहादुरी की मिसाल, आतंकियों से निहत्‍थे भिड़े हवलदार जगदीश

पठानकोट स्‍टेशन के एअोसी एएस धमून ने आतंकी हमले की विस्‍तृत जानकारी देते हुए बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकियों की सबसे पहली मुठभेड़ गरुड़ कमांडो के साथ हुई। इस हमले में एक गरुड कमांडो शहीद हो गया जबकि एक जख्‍मी है। वहां से गोलीबारी करते हुए आतंकी लाइट जलती देख एक मैस की तरफ भागे जहां डीएससी के जवान सुबह के नाश्‍ते की तैयारी कर रहे थे। यहां हुई गोलीबारी में डीएससी के तीन जवान शहीद हो गए थे।

जब आतंकी वहां से भागने लगे तो मैस में काम करने वाले डीएससी के हवलदार जगदीश सिंह ने बचने के बजाय उनका पीछा किया और एक आतंकवादी के साथ गुत्‍था-गुत्‍थी हो गए। बड़ी बहादुरी से जगदीश सिंह ने एक आतंकवादी को उसी की राइफल से मार गिराया। इसके बाद जगदीश बाकी आतंकवादियों के पीछे भागे लेकिन उनकी गोली का निशाना बने और शहीद हो गए। माना जा रहा है कि अगर हवलदार जगदीश सिंह डटकर आतंकवादियों का मुकाबला नहीं करते तो वे वायुसेना अ्ड्डे में भारी तबाही मचा सकते थे। 

साथी जवानों के मारे जाने के बाद भी हवलदार जगदीश सिंह ने निहत्‍थे ही जिस बहादुरी के साथ आतंकवादियों का मुकाबला किया, ऐसी बहादुरी की मिसाल कम ही देखने का मिलती है। गौरतलब है कि पठानकोट वायुसेना स्‍टेशन में पिछले 42 घंटों से जारी मुठभेड़ में एनएसजी के ले‍फ्टिनेंट कर्नल निरंजन कुमार, वायुसेना के एक गरुड़ कमांडो के अलावा डीएससी के पांच जवान शहीद हो गए। इनमें माहिर निशानेबाज और राष्‍ट्रमंडल चैंपियनशिप में स्‍वर्ण पदक जितने वाले सूबेदार मेजर (रिटायर्ड) फतेह सिंह भी शामिल हैं।   

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TAGS: हवलदार जगदीश सिंह, पठानकोट हमला, आतंकी, डीएससी जवान
OUTLOOK 03 January, 2016
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