जानें कौन हैं शांतनु सेन, जो आईटी मंत्री से कागज छीनकर फाड़ने पर हुए सस्पेंड
राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से कागज छीनकर फाड़ने वाले तृणमूल कांग्रेस सांसद शांतनु सेन को निलंबित कर दिया गया है। शांतनु सेन अब मॉनसून सत्र की आगे की कार्रवाई में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
संसद में चल रहे मॉनसून सत्र के दौरान कल गुरुवार को जोरदार हंगामा हुआ था। राज्यसभा में संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव जब पेगासस जासूसी मामले पर बयान दे रहे थे तब टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने उनके हाथ से स्टेटमेंट का पेपर छीनकर फाड़ दिया था और उसे उपसभापति की ओर फेंक दिया। इस पूरे घटना में सरकार विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने की तैयारी कर रही है। वहीं राज्यसभा के चेयरमैन ने टीएणसी सांसद सेन को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया है।
राज्यसभा में कल की चर्चा का विषय बने टीएमसी के सांसद शांतनु सेन पेशे से डॉक्टर हैं। डॉक्टर शांतनु सेन इंडियान मेडिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं। नॉर्थ कोलकाता के रहने वाले शांतनु एक वक्त में कोलकाता में टीएमसी काउंसलर हुआ करते थे।
2016 में टीएमसी ने शांतनु सेन को मुर्शिदाबाद के कांदी सीट से विधानसभा चुनाव में खड़ा भी किया था, लेकिन वहां शांतनु को हार का समाना करना पड़ा था। जिसके बाद काउंसलर से टीएमसी ने शांतनु को राज्यसभा का टिकट दे दिया और वे राज्यसभा के सांसद बन गए।
तृणमूल कांग्रेस में शांतनु सेन का नाम पढ़े-लिखे और विवादों से दूर करने वाले नेताओं की लिस्ट में आता है। अब तक उनके खिलाफ किसी भी प्रकार का कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया है।
2019 में विवादों में आया नाम
लेकिन 2019 में उत्तर कोलकाता की एक प्रमोटर द्वारा आरोप लगाया गया था कि शांतनु सेन उनके कट मनी लेते हैं। आरोप के अनुसार शांतनु सेन जब काउंसलर थे तब से इलाके में कट मनी वसूलते रहे हैं। बता दें कि 2019 में ममता बनर्जी ने सार्वजनिक तौर पर अपील की थी कि जो लोग कट मनी लेते रहे हैं वह टीएमसी नेता कट मनी वापस करें। जिसके बाद प्रमोटर सुमंत्र चौधरी ने आरोप लगाया था जो उस वक्त काफी चर्चाओं में था।
वहीं इन आरोपों से शांतनु ने साफ इनकार किया था और कोर्ट में प्रमोटर के खिलाफ मानहानि का केस करने की बात भी कही थी। इस मामले के अलावा शांतनु कभी भी सुर्खियों में नहीं रहे हैं।