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10 December 2015

नकली कीटनाशक बेचने वाली कंपनी के खिलाफ पीएम को पत्र

गूगल

कई सारे गैर सरकारी संगठनों, किसान संगठनों और यहाँ तक कि औद्योगिक संगठनों ने सरकार को भारत में नकली कीटनाशी दवाओं की बिक्री को लेकर बार बार आगाह किया था। लेकिन उनकी चिंता को कभी गंभीरता से नहीं लिया गया। जिसके कारण फसलों और जानमाल तक का गंभीर नुकसान हुआ। हाल में ही भारतीय कृषक समाज ने प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के संज्ञान में यह बात पहुंचाई कि किस प्रकार मेसर्स राजहंस फर्टिलाइजर्स, इंदौर, एक फर्जी ऑपरेटर, 2010 से ही अवैध रूप से क्लोरप्रोफाम का आयत करता आ रहा है और ‘नोगेरमा’ नाम से नकली उत्पाद बेचकर किसानों को गंभीर फसल नुकसान की ओर धकेल रहा है।

आउटलुक को मिले दस्तावेज बताते हैं कि उत्तर प्रदेश के हॉर्टिकल्चर विभाग के डायरेक्टर ने छापा मार कर इस कम्पनी को अवैध उत्पाद बेचते पकड़ा था और कृषि विभाग ने इस आधार पर इस संगठन के ऊपर मुक़दमा चलाने का आदेश पूर्व में दिया था। इस मामले को औद्योगिक संगठनों द्वारा सेंट्रल इंसेक्टिसाइड बोर्ड में भी ले जाया गया था। लेकिन अवैध कीटनाशियों के खतरे को समाप्त करने की दिशा में कोई ठोस कदम नही उठाया गया। मेसर्स राजहंस नए रजिस्ट्रेशन हासिल करने के लिए अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर रही है। आउटलुक के पास उपलब्‍ध दस्तावेज के मुताबिक 12 जनवरी 2013 काे तत्कालीन जल संसाधन मंत्री हरीश रावत ने इस कंपनी के रजिस्ट्रेशन देने की चिट्ठी लिखी थी। इस कंपनी को लेकर भाजपा सांसद और कृषि संबंधी समिति के सदस्य हुकुमदेव नारायण यादव ने भी कृषि मंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन इस कंपनी के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। कंपनी के निदेशक बृजेश शुक्ला से जब इस बारे में पूछा कहा तो उन्होने कहा कि उनके पास सभी जरूरी दस्तावेज हैं और वह किसी प्रकार का गैरकानूनी काम नहीं कर रहे हैं। 

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TAGS: किसान, कीटनाशक, नकली दवाईयां, फसल, ‌farmer, illegal import, pesticide
OUTLOOK 10 December, 2015
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