एल्गार परिषद मामला : सुधा भारद्वाज हुई जमानत पर रिहा
एल्गार परिषद मामले में 3 साल से ज्यादा समय तक जेल में रहने के बाद वकील और कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज जमानत पर जेल से बाहर निकल आई हैं। कोर्ट ने सुधा भारद्वाज को 50,000 रुपये के मुचलके पर जेल से रिहा होने की अनुमति दी थी। वह मुंबई की भायखला जेल में बंद थी।
एक दिसंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने भारद्वाज की डिफॉल्ट जमानत की याचिका को मंजूर कर लिया था। तब कोर्ट ने विशेष एनआईए अदालत को उसकी जमानत की शर्तों और रिहाई की तारीख पर फैसला करने का निर्देश दिया था।
भारद्वाज को अगस्त 2018 में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी की अपील को खारिज कर दिया था। इस मामले में गिरफ्तार किए गए 16 कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों में भारद्वाज पहली व्यक्ति हैं जिन्हें डिफ़ॉल्ट जमानत दी गई है। हालांकि, कोर्ट ने सुधा भारद्वाज को जमानत देने से पहले कई शर्ते भी निर्धारित की है।
कुछ शर्तें कुछ इस प्रकार हैं।
1. वह मुंबई अदालत के अधिकार क्षेत्र में रहेगी और अदालत की अनुमति के बिना कहीं नहीं जाएगी।
2. भारद्वाज को अपने साथ रहने वाले अपने रिश्तेदारों के संपर्क नंबर भी पुलिस को देना होगा।
3. उन्हें कम से कम दो पहचान प्रमाण पत्र जैसे पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, बिजली बिल, मतदाता पहचान पत्र की प्रतियां जमा करना होगा।
4. वह हर पखवाड़े व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करेगी।
5. वह मीडिया से दूरी बनाए रखेगी।