सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या दोबारा नहीं मिल सकता पुराने नोट जमा कराने का मौका
सुप्रीम कोर्ट ने पुराने नोट जमा मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को विचार के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। इस पर केंद्र ने कोर्ट से कहा कि वो इस मामले में एक एफिडेविट फाइल करेगा। शीर्ष कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 18 जुलाई तय की है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की एक बेंच ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल रणजीत कुमार से इस मामले पर निर्देश देने के लिए कहा है। बेंच ने कहा कि केंद्र इस ऑप्शन पर विचार करे कि जो लोग सही कारणों के चलते 500-1000 के पुराने नोट नहीं जमा कर पाए हैं, उनके लिए काउंटर दोबारा खोले जाएं।
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर लोगों के पास सही वजहें हैं तो उन्हें परेशान होने नहीं दिया जा सकता। उन्हें पुराने नोट जमा करने की इजाजत मिलनी चाहिए। कोर्ट एडवोकेट सुधा मिश्रा और दूसरे लोगों की पिटीशन पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें सुप्रीम कोर्ट से पुराने नोटों को डिपॉजिट करने के संबंध में निर्देश मांगे गए हैं।
गौरतलब है कि गत वर्ष 8 नवंबर को पीएम नरेन्द्र मोदी ने श्ााम 8 बजे राष्ट्र के नाम संबोधन में 500 और 1000 रुपये के नोट आधी रात से बंद करने का ऐलान किया था। इसके बाद केंद्र ने पुराने नोट जमा करने के लिए 30 दिसंबर तक का वक्त दिया था। इससे पहले 1000 रुपये के नोट समेत हाई वैल्यू वाले कई नोटों को पहली बार जनवरी 1946 में बंद किया गया था। फिर 1978 में इन्हें दोबारा बंद किया गया था।