सुषमा ने कहा हमारे लिए दूसरे देशों की तरह एक देश है पाकिस्तान, 3 साल में 80 हजार लोगों को बचाया
विदेश मंत्री ने चीन के वन बेल्ट-वन रोड (OBOR) पर कहा कि हमारी कोई भी पॉलिसी किसी देश को काउंटर करने के लिए नहीं होती है। उन्होंने कहा कि घरेलू मामलों में भी विदेश मंत्रालय सक्रिय भूमिका निभा रहा है। एफडीआई यूपीए की तुलना में 37.5 फीसदी बढ़ी है। हमारे दूतावास काम को आगे बढ़ाते हैं। प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा हमारा उद्देश्य है। साथ ही अपने नागरिकों की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए पासपोर्ट की सेवाओं में विस्तार और सुधार किया गया। पोस्ट ऑफिस के जरिए भी पासपोर्ट देना का काम किया जा रहा है।
मुस्लिम देशों से बढ़ रहें है संबंध
सुषमा ने कहा कि हमारे आलोचक कहते थे कि हमारी सरकार के दौरान मुस्लिम देशों से संबंध खराब रहेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए। मोदी सरकार ने खाड़ी देशों सहित बाकी देशों से संबंध बहुत बेहतर किएल है। पीएम अब इजराइल जा रहे हैं लेकिन हमारे फिलिस्तीन से करीबी संबंध हैं। दोनों देश कहते हैं कि आप हमारे विवाद को सुलझाएं।
3 बार हो चुकी है मोदी और ट्रम्प में बात
विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों में कोई कमी नहीं आई है। खुद पीएम ने तीन बार ट्रम्प से बात की है। अरुण जेटली की भी बातचीत हुई है। दोनों देशों के एनएसए लगातार बात करते रहते हैं। रिश्ते वैसे ही हैं जैसे ओबामा के वक्त थे। वीजा पर अभी कोई बड़ा फैसला नहीं हुआ। अभी भी लॉटरी से ही वीजा निकलता है, हालांकि चिंता जरूर है। क्लाइमेट को लेकर चिंता नहीं है। भारत ने दबाव में पेरिस समझौते पर दस्तखत नहीं किए है। अमेरिका रहे ना रहे हम पेरिस समझौते में बने रहेंगे।
हमारे लिए एक देश है पाकिस्तान
सुषमा ने कहा कि विदेश मंत्रालय का सारा वक्त सिर्फ पाकिस्तान पर ही नहीं बीतता है। हमारे लिए वो एक देश है। बाकी देशों पर जो वक्त खर्च करते हैं, उतना ही पाकिस्तान पर खर्च करते हैं। उन्होंने कहा कि जाधव के मामले में मेरिट पर काम होगा। जाधव की फांसी पर रोक लगी हुई है, हमारा पक्ष मजूबत है। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को आईसीजे नहीं ले जा सकता है क्योंकि ये एक बाइलेटरल मुद्दा है। आईसीजे में हमारे कई मुद्दे चल रहे हैं। इसमें सिंधु जल समझौता भी शामिल है। जाधव मामला वियना कन्वेंशन से जुड़ा है। कतर मामले से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। हमारी चिंता सिर्फ वहां किसी भारतीय के फंसे होने को लेकर है,अगर है तो हम उन्हें निकालेंगे। हमारे कतर और सऊदी से बेहतर रिश्ते हैं।
चाबहार तेज गति से बढ़ रहीं है
सुषमा ने कहा कि पहले चाबहार की गति धीमी थी लेकिन अब नहीं है। क्योंकि मामला सुलझा लिया गया है। इस मसले पर अफसर मेरे साथ हर 3 महीने और पीएम 6 महीने में समीक्षा करते हैं। हमने हर जगह क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म का मुद्दा उठाया है।